Satpuda Power Plant Update : (कालीदास चौरासे, सारनी।) सतपुड़ा थर्मल पॉवर प्लांट सारनी को कर्नाटका की स्क्रैप कंपनी हर रोज लाखों रुपए का चूना लगा रही थी। इस बात का खुलासा मंगलवार रात उस समय हुआ। जब पॉवर प्लांट के स्टोर से भारत स्टील ट्रेडर्स कंपनी का ट्रक क्रमांक – केए01-एएच 7710 ट्रक स्क्रैप भरकर वजन कराने सीएचपी तौल कांटा पहुचा। जहां खाली ट्रक का भार 6310 किलोग्राम था और इसमें 9750 किलोग्राम स्क्रैप भरा। इसके बाद ट्रक का कुल भार 16060 किलोग्राम हुआ। इसी पर्ची पर कॉल हैंडलिंग प्लांट से स्क्रैप से भरा ट्रक बाहर हो गया। स्क्रैप से भरे ट्रक में गड़बड़ी की आशंका हुई तो टीआई रत्नाकार हिंग्वे द्वारा ट्रक रोककर जांच की।
छतरपुर टू कोयला खदान के तौल कांटे पर ले जाकर ट्रक का वजन कराया। जिसमें ट्रक का भार 29240 किलोग्राम आया। जबकि लोडेड ट्रक का वजन सीएचपी के कांटे में 16060 किलोग्राम था। इस हिसाब से कर्नाटका की कंपनी के इस ट्रक में 13 टन से अधिक स्क्रैप ज्यादा है। जिसका बाजार मूल्य लगभग 6 लाख रुपए हैं। इसी ट्रक को जब घोड़ाडोंगरी के प्राइवेट कांटे पर ले जाकर वजन कराया तो यहां भी ट्रक का वजन 29850 किलोग्राम से ज्यादा पाया गया। इसके बाद पुलिस द्वारा ट्रक को कोल हैंडलिंग प्लांट ले जाकर उसी कांटे पर वजन कराया। जहां से ट्रक स्क्रैप भरकर कांटे से निकला था। उस कांटे में भी ट्रक का भार 29870 किलोग्राम से ज्यादा आया। प्राप्त जानकारी के अनुसार लगभग 1 सप्ताह से भारत स्टील ट्रेडर्स कंपनी द्वारा सतपुड़ा थर्मल पावर प्लांट से स्क्रैप लोड करके परिवहन किया जा रहा है।
इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि अब तक पावर प्लांट सारणी को भारत स्टील ट्रेडर्स कंपनी द्वारा कितना नुकसान पहुचाया गया होगा। जानकारी के अनुसार मंगलवार को जिस ट्रक में पावर प्लांट का स्क्रैप लोड किया गया है। उस खाली ट्रक का भजन 6310 किलोग्राम है। जबकि स्क्रैप लोड करने के बाद ट्रक का वजन लगभग 16060 किलोग्राम हुआ। लेकिन डब्ल्यूसीएल और प्राइवेट तौल काटे पर वजन करने पर स्क्रैप से भरे इस ट्रक का वजन 29850 किलोग्राम से ज्यादा आया है।
कोल हैंडलिंग प्लांट के तौल कांटे पर उठे सवाल
मध्य प्रदेश पावर जेनरेटिंग कंपनी के सारणी स्थित कोल हैंडलिंग प्लांट यानी कि सीएचपी के तौल कांटे पर गंभीर सवाल उठ रहे हैं। दरअसल जिस ट्रक में 13 से 14 टन स्क्रैप ज्यादा निकला है। वह ट्रक कोल हैंडलिंग प्लांट में ही वजन किया गया था। इसका सीधा मतलब है कि कोल हैंडलिंग प्लांट का तौल कांटा सवालों के घेरे में है। गौरतलब है कि इस कांटे पर रोड सेल के जरिए आने वाले कोयले और प्लांट से बाहर जाने वाले स्क्रैप का वजन किया जाता है।
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अब तक करोड़ों की लगी चपत
डब्ल्यूसीएल के छतरपुर खदान और प्राइवेट तौल कांटा सही है तो सतपुड़ा थर्मल पावर प्लांट को कोल हैंडलिंग प्लांट के तौल कांटे से अब तक करोड़ों रुपए की चपत लग चुकी है। ऐसा इसलिए कहा जा रहा है, क्योंकि पावर हाउस सारणी को शोभापुर खदान से कन्वेयर बेल्ट लाइन के जरिए कोयला पहुंचाने वाले कन्वेयर बेल्ट लाइन की कटिंग का काम भी बीते कुछ महीनों से चल रहा है। यह कार्य इंदिरा इस्पात उद्योग तमिलनाडु द्वारा किया जा रहा है। इस कंपनी के स्क्रैप से भरे ट्रकों का वजन भी कोल हैंडलिंग प्लांट के तौल कांटे पर हुआ है। एक अनुमान के मुताबिक अब तक इस कंपनी द्वारा आधे से ज्यादा स्क्रैप सीएचपीके तौल कांटे से वजन कराकर परिवहन कर लिया है।
इनका कहना
छतरपुर-टू खदान और घोड़ाडोंगरी के प्राइवेट तौल कांटे पर संदिग्ध ट्रक जिसमें प्लांट का स्क्रैप भरा था। उसका वजन कराया है। लगभग 14 टन स्क्रैप ज्यादा निकला है। आगे की कार्रवाई के लिए सीएचपी के तौल कांटे पर स्क्रैप से भरे ट्रक का वजन कराया जाएगा।
रत्नाकार हिंग्वे, टीआई, सारनी।