
Pandit Pradeep Mishra Betul: बैतूल। कार्यकर्ताओं ने वीआईपी का कोटा थोड़ा ज्यादा कर दिया है, बेरीकेट्स लगा दिए है, मेरा विश्वास है कि कल यहां आप सब नजर आओगे, सब परदे हटा दिए जाएंगे, आप और हमारे बीच कोई परदा नहीं होना चाहिए। भक्ति करने आए है सात दिन भगवान भोलेनाथ की अविरल और दिल से भक्ति करेंगे। बैतूल वालों ने भक्तों के लिए दिल से खूब व्यवस्था की है। चाय, नाश्ते, भोजन की उत्तम व्यवस्था के लिए बैतूल को साधुवाद, बैतूल का यह भाव श्रद्धालुओं के लिए सातों दिन बना रहे।
ताप्ती शिव पुराण के पहले दिन व्यास पीठ से विश्व प्रसिद्ध कथा वाचक पंडित प्रदीप मिश्रा ने कहीं। इसके पहले उन्होंने भगवान शिव, मां ताप्ती एवं व्यासपीठ का पूजन किया। व्यासपीठ पर आसीन होते ही उन्होंने सभी जजमानों को तिलक लगाया और इसके बाद भगवान शिव के मंत्रोच्चार के साथ ताप्ती शिव पुराण कथा का पाठ प्रारंभ किया। पहले ही दिन शिव पुराण सुनने के लिए लाखों श्रद्धालुं कथा स्थल पर पहुंच चुके है। बीती रात हजारों श्रद्धालुओं ने कथा पंडाल में ही रात बिताई, जिले के अलावा अन्य जिलों एवं प्रदेशों से भी पंडित मिश्रा के मुखारबिंद से कथा श्रवण करने श्रद्धालु बैतूल पहुंचे।
कथा की शुरुआत करते हुए व्यासपीठ से पंडित मिश्रा ने कहा कि सम्पूर्ण विश्व के कल्याण हेतु बाबा देवाधिदेव महादेव की कृपा से आप और हमको कथा श्रवण करने का सौभाग्य प्राप्त हुआ है। भगवान शिव सम्पूर्ण विश्व का कल्याण, जगत का उद्धार करने वाले है। ऐसे देवाधिदेव की कृपा, दया, उदारता से मां नर्मदा और ताप्ती की पावन भूमि बैतूल पर जिसमें स्वयं लक्ष्मीनारायण भगवान बालाजीपुरम में विराज रहे है, जहां जगतजननी मां दुर्गा अपने स्वरुप में विराजती है, जहां स्वयं महादेव मां ताप्ती की पावन गोद में निरंतर विराजमान है, ऐसी पुण्यमय, आनंदमय धरा बैतूल में सात दिवसीय कथा हो रही है। यह सात दिवसीय शिव कथा पुराण कौशल्या बघेल, संध्या बघेल, रीता, नीता, दिलीप मालवी, स्मिता, रश्मि संजय बाथरे के माध्यम से शिव कृपा एवं भगवान शंकर की उदारता से हो रही है।

पेट भरने की जवाबदारी भोलेनाथ की पेटी की नहीं
कथा वाचन करते हुए उन्हें भगवान शिव के महात्म्य का वर्णन करते हुए कहा कि पेट भरने की जवाबदारी भोलेनाथ की है। यदि भोलेनाथ ने जन्म दिया है, तो मृत्यु भी देगा, पेट दिया है तो भरेगा भी वहीं, पर घर की पेटी भरने की जवाबदारी महादेव की नहीं है। पेटी भरना है तो अपने हिसाब से छल, कपट, बेईमानी, निंदा और प्रशंसा करके किसी न किसी रुप में भरी जा सकती है। शिव पुराण की कथा एक बात कहती है कि आपके और आपके कुटुम्ब के भरण पोषण की जवाबदारी महादेव की है, लेकिन किसी अन्य नारी के चक्कर में पडऩे पर जुआं, चोरी जैसे अनैतिक कृत्य करने पर जवाबदारी महादेव की नहीं है। उन्होंने कहा कि जिस तरह प्रशासन किसी काम के लिए पैसा देती है और वह काम न करते हुए दूसरे काम में पैसा लगाने वाले को अगली बार प्रशासन पैसा नहीं देता। भगवान भी प्रशासन से कम नहीं है।

भक्त को ढूंढ ही लेते है भगवान
पंडित मिश्रा ने कहा कि जिस तरह वृक्ष पर लगे सारे फलों में से श्रेष्ठ फल को तोते, मिट्ठू चोच लगा देते है। तोता वही फल चुनता है, जिसे वह पसंद करता है, जो मीठा होता है, ठीक उसी तरह देवाधिदेव महादेव भी अपने भक्तों को ढ़ूंढ लेते है। उन्होंने कहा कि भगवान की प्राप्ति के लिए कई बार मार्ग बदलना पड़े तो बदल लेना चाहिए, जिस तरह किसी सड़क पर काम चल रहा होता है तो मार्ग परिवर्तित करना पड़ता है। पंडित मिश्रा ने कहा कि जीवन में परमात्मा को पाने के कुछ न कुछ तरीके ढूंढना चाहिए।

उन्होंने मोबाईल का उदाहरण देकर बताया कि जिस तरह मोबाईल खराब होने पर हम पहले स्वयं, फिर भाई, फिर दोस्त से चेक कराते है और फिर दुकान पर सुधारने के लिए देते है। दुकानदार मोबाईल कंपनी भेजने और सात दिन बाद देने की बात करता है, ठीक उसी तरह जब मन और चित्त खराब होता है तो पहले स्वयं, फिर परिवार के साथ भक्ति भाव करना चाहिए। यदि परिवार के साथ मन न लगे तो दोस्तों के साथ मंदिर जाए और सुंदरकांड का आयोजन करें और फिर भी मन न लगे तो पंडाल की तरफ ईशारा करते हुए पंडित मिश्रा ने कहा कि सात दिनों के लिए इस शोरुम में आ जाए। सात दिन में यह मन यदि अविरल भक्ति में डूब जाये तो सोचना कि यह परमात्मा की कृपा है।