अपने ही मित्र मंडली से वोटिंग करवाकर मीडिया को गुमराह करने का तथाकथित प्रयास

MP Assembly Elections: (बैतूल)। विधानसभा चुनाव को भले ही सात माह का समय शेष हो, लेकिन अपने आप को टिकट का दावेदार बताकर विधानसभा क्षेत्र में श्रेष्ठ बताने की होड़ ने भाजपा की मुसीबत बढ़ा दी है। पार्टी की ओर से ऐसा कोई आनलाइन सर्वे नहीं कराया जा रहा है, जिसमें संभावित दावेदारों को वोट देने की बात कहीं जा रही है। अलबत्ता जिले के तीन विधानसभा क्षेत्रों में कुछ छुटभैये टिकट के दावेदारों ने आनलाइन सर्वे कराकर खुद को श्रेष्ठ साबित करने का प्रयास किया है। उनका यह प्रयास भाजपा के शीर्ष नेतृत्व को जरा भी नहीं भा रहा है। सूत्र बताते हैं कि जिन लोगों ने आनलाइन सर्वे कराकर अपने आप को अव्वल आने का दावा मीडिया में कराया, इनकी आने वाले समय में जमकर किरकिरी हो सकती है।
पिछले कुछ दिनों से सोशल मीडिया के कई ग्रुपों पर देख जा रहा है कि भाजपा से टिकट के कुछ दावेदार आनलाइन सर्वे करवाकर अपने आप को विधानसभा के लिए सबसे योग्य उम्मीदवार बताने से नहीं चुक रहे हैं। सोशल मीडिया के विभिनन ग्रुपों में कई दिनों से मैसेज वायरल हो रहे हैं। इन मैसेजों में छह से लेकर एक दर्जन तक दावेदारों के नाम दिए गए हैं। लोगों से कहा जा रहा है कि इनमें से एक दावेदार के आगे निशान लगाया जाए या वोट दिया जाए। भ्रम की स्थिति उस समय निर्मित हो रही है जब विधानसभा के गंभीर दावेदार इस फर्जी ऑनलाइन दावेदारी में दिखाई ही नहीं दे रहे हैं। इसी बात से अंदाजा लगाया जा सकता है कि यह पूरा फर्जीवाड़ा टिकट के उन छुटभैया नेताओं का है, जिन्होंने तानाबाना बुना है। इस सर्वे को लेकर तीन विधानसभा क्षेत्रों में जमकर चर्चा चल रही है।
सर्वे में श्रेष्ठता की होड़ (MP Assembly Elections)
सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे फर्जी और आनलाइन सर्वे में श्रेष्ठता की होड़ लगी हुई है। अपने आपको दूसरों से बेहतर बताकर सवाल पूछा जा रहा है कि किसे से श्रेष्ठ मानकर पार्टी को टिकट दिया जाना चाहिए। चौकाने वाली बात तो यह भी सामने आई है कि सर्वे कराने वाले कुछ दावेदार अपने ईद गिर्द घूमने वालों से ग्रुपों में इसे आगे बढ़ाकर आनलाइन वोटिंग का पैतरा फेक रहे हैं। पिछले कुछ दिनों से टिकट के कुछ छुटभैया दावेदारों ने भाजपा की गाइडलाइन की ऐसी धज्जियां उड़ाई की पार्टी के शीर्ष नेतृत्व को भी सोचना पड़ गया। अपने आप को श्रेष्ठ साबित कर आनलाइन सर्वे में चहेतों से वोटिंग करवाकर अव्वल आने की होड़ में भाजपा की रीति-नीति पर ही सवाल खड़े कर दिए हैं। भाजपा की परिपाटी की अनुसार इस तरह का सर्वे पूरे जिले में कहीं नहीं हो रहा है, लेकिन भैंसदेही विधानसभा के भीमपुर, मुलताई और घोड़ाडोंगरी विधानसभा में कुछ छुटभैयों ने खुद का सर्वे कराकर अपने आप को टिकट का सबसे बड़ा दावेदार साबित करने का कुप्रयास किया है।
भाजपा में पूर्व में ही हो चुके हैं सर्वे (MP Assembly Elections)
सूत्र बताते हैं कि भाजपा ने 230 विधानसभा क्षेत्रों में अपने दो सर्वे अलग-अलग करवाए हैं। तीसरा सर्वे भी थर्ड पार्टी से करवाने के बाद पिछले दिनों कमजोर सीटों पर फोकस करने के लिए भाजपा ने ताकत झोंक दी है। इन सीटों पर पार्टी के शीर्ष नेताओं को जिम्मेदारी भी सौंपी जा चुकी है। यह नेता गुपचुप दौरा कर संबंधित क्षेत्रों में पार्टी को मजबूत करने के लिए रणनीति बना रहे हैं। इधर छुटभैये नेताओं द्वारा क्षेत्र में सर्वे करवाकर जिस तरह अपनी दावेदारी जताई जा रही है। इससे शीर्ष नेतृत्व खासा चौकन्ना हो गया है। ऐसे नेताओं पर बारीकी से नजर रखे जाने की खबर है।
पार्षद का चुनाव जीते नहीं, कर रहे विधानसभा की दावेदारी(MP Assembly Elections)
फर्जी आनलाइन सर्वे करवाकर जिस तरह भाजपा के कुछ नेता विधानसभा में अपनी दावेदारी जता रहे हैं, इन्होंने पार्षद का भी चुनाव नहीं जीता है। हास्यपद स्थिति यह है कि कुछ क्षेत्रों में दरी-लाउड स्पीकर बांटकर छुटभैया नेता अपनी दावेदारी को आनलाइन सर्वे में अव्वल बताकर मीडिया में भी फर्जीवाड़ा करने से बाज नहीं आ रहे हैं। इतना ही नहीं धार्मिक कार्यक्रमों में भी इनकी भागीदारी से सशक्त दावेदारों ने नाराजगी जताते हुए शीर्ष नेताओं को शिकायत करने का मन बना लिया है। पार्टी की गाइडलाइन से परे हटकर कुछ छुटभैये नेता मुलताई और भीमपुर में पार्टी के लिए विभीषण की भूमिका में दिखाई दे रहे हैं। इन्हें पार्टी कभी भी आइना दिखा सकती है।
इनका कहना….
भाजपा में आनलाइन सर्वे की कोई प्रक्रिया नहीं है। पार्टी का अपना सर्वे होता है। इस तरह का सर्वे आखिर कौन करवा रहा है। यदि जानकारी मिलती है तो हम संगठन को इस बारे में अवगत कराएंगे।
आदित्य शुक्ला, अध्यक्ष जिला भाजपा बैतूल।