
Kharmas Samapt 2023: (बैतूल)। हिन्दू धर्म में किसी भी शुभ कार्य या फिर मांगलिक कार्य के लिए शुभ अशुभ मुहूर्त का विशेष ध्यान रखा जाता है। मान्यता है कि शुभ समय में किए गए कार्य में सफलता प्राप्त होती है। 14 अप्रैल को खरमास समाप्त हो रहा है इसके बावजूद भी शहनाईयां नहीं बजेगी। गुरू के अस्त होने के कारण स्थितियां इस वर्ष कुछ अलग बनी है। जब सूर्य धनु या फिर मीन राशि में प्रवेश करते है तो खरमास प्रारंभ हो जाता है। इस वर्ष खरमास की 15 मार्च को शुरूआत हुई थी। पूरे एक महीने तक चले खरमास 14 अप्रैल को समाप्त हो जाएगा। सूरज मेष राशि में प्रवेश करेंगे। शास्त्रों के अनुसार खरमास समाप्त होने के बाद मांगलिक और शुभ कार्य शुरू हो जाते है, लेकिन इस वर्ष 14 अप्रैल को खरमास समाप्त होने के बाद भी विवाह सहित अन्य कार्यक्रम नहीं होंगे।
इस तिथि से होंगे मांगलिक कार्य की शुरूआत (Kharmas Samapt 2023)
ज्योतिषों के मुताबिक मांगलिक कार्य के लिए खरमास न होने के साथ-साथ गुरू ग्रह का उदय होना बेहद जरूरी है। 28 मार्च से गुरू अस्त हो गए। 22 अप्रैल को मेष राशि में प्रवेश करेंगे, लेकिन अस्त अवस्था में 27 अप्रैल को सुबह 2 बजकर 7 मिनट पर मेष राशि में ही उदय हो जाएंगे। इसके बाद मांगलिक कार्य 27 अप्रैल से प्रारंभ होंगे। ज्योतिष भी विवाह समारोह को लेकर अलग-अलग तिथि बता रहे है। महाराष्ट्र पंचाग के हिसाब से ज्योतिष विवाह समारोह 27 से प्रारंभ होना बता रहे तो कुछ ज्योतिष विवाह समारोह की शुरूआत 2 मई से प्रारंभ होना बता रहे है। ज्योतिषों का कहना है कि नाम राशि और कुंडली के हिसाब से भी विवाह की तिथि अलग-अलग निकलती है। गुरू के अस्त हो जाने के कारण लोगों को विवाह समारोह के लिए और कुछ दिनों तक इंतजार करना होगा।
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