
Heart Attack Case In Betul : ज्यादा ठंड दिल के मरीजों के लिए जानलेवा साबित हो सकती है। तापमान कम होने की वजह से कई लोगों को स्वास्थ्य से जुड़ी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। ठंड का असर लोगों के दिल और दिमाग दोनों पर पड़ रहा है। पिछले पन्द्रह दिनों में जिले में हार्ट अटैक के मामले में यकायक बढ़ोत्तरी हुई है। डॉक्टरों की माने तो ठंड से बचाव में चूकने और दवाई लेने में लापरवाही बरतने के कारण ब्लड प्रेशर का लेवल अचानक बढ़ जाता है। इसकी वजह से हार्ट अटैक का खतरा पैदा हो जाता है। सर्दियों का मौसम अपने साथ कई तरह की परेशानियां लेकर आता है। ये परेशानियां कई बार इतनी बढ़ जाती हैं कि मौत का कारण तक बन जाती है। जिले में पिछले 15 दिनों में 50 से अधिक हार्ट अटैक के मरीज जिला अस्तपाल एवं शहर के निजी अस्पतालों में पहुंचे। इनमें से 5 से ज्यादा मरीज देरी से अस्पताल पहुंचने की वजह से सरवाईव नहीं कर पाए।
जिला अस्पताल में पहुंच रहे हर दिन औसत दो मरीज (Heart Attack Case In Betul)
पिछले 15 दिनों की स्थिति यदि देखे तो जिला अस्पताल में हर दिन औसत दो मरीज हार्ट अटैक के पहुंचे ही है। ऐसे में डॉक्टर्स बीपी, शुगर एवं हृदय संबंधी रोगियों को ठंड में अधिक सतर्क रहने की सलाह भी दे रहे है। अस्पताल के आईसीयू में पिछले दिनों दो मरीजों ने उपचार के दौरान दम भी तोड़ दिया। इसी तरह निजी अस्पतालों में भी पिछले 15 दिनों में तीन मरीजों की मौत हुई है। ये मरीज अस्पताल देरी से पहुंचे और गोल्डन अवर में उपचार नहीं मिलने की वजह से उनकी सांसे टूट गई। जिन मरीजों की मौत हुई है उनमें दो मरीज ऐसे भी है जो अस्पताल पहुंचने के बाद आधा घंटा भी सरवाईव नहीं कर पाये।
जाने कहां पहुंचे कितने मरीज (Heart Attack Case In Betul)
जिला अस्पताल में एक पखवाड़े में करीब 25 मरीज पहुंचे, जिनमें से आईसीयू में उपचार के दौरान दो मरीजों की मौत हो गई। जिला मुख्यालय पर निजी चिकित्सालयों के संचालक एवं हार्ट स्पेशलिस्ट भी ठंड के दिनों में अधिक सावधानी बरतने की सलाह देते है। लिंक रोड स्थित सिम्स हास्पीटल में विगत 15 दिनों में हार्ट अटैक के दस मरीज पहुंचे। डॉ श्याम सोनी बताते है कि सभी मरीज 50 वर्ष के अधिक के थे। ठंड में बुजुर्गों में अटैक की आशंका अधिक रहती है। कम पानी पीने, गर्म कपड़े न पहलने, बीपी शुगर की दवाई लेने में लापरवाही भी कई बार अटैक का कारण बन जाती है। श्री गोवर्धन राठी हास्पीटल के संचालक एवं हार्ट स्पेशलिस्ट डॉ नूतन राठी ने बताया कि 5 मरीज विगत दिनों उपचार के लिए पहुंचे। इनमें 40 से 60 वर्ष के मरीज है। 40 -42 साल के युवाओं में अटैक की वजह स्ट्रेस, फिजिकल एक्टिविटी न करना, स्मोकिंग एवं तम्बाकू आदि का सेवन करना भी है। डॉ राठी ने बताया कि पोस्ट कोविड में भी ब्लड गाड़ा होने की शिकायतें आ रही है, हालांकि यह प्रमाणित नहीं है। अस्थमा के मरीज भी ठंड में बढ़ रहे है। उन्होंने खासतौर से बुजुर्गों को सलाह दी है कि ठंड में मॉनिंग वॉक के लिए धूप निकलने के बाद ही निकले।
ठंड में संकुचित हो जाती है धमनियां
संजीवनी हास्पीटल के संचालक डॉ योगेश पंडागे्र ने बताया कि उनके अस्पताल में भी तीन मरीज हार्ट अटैक के पहुंचे। शुक्रवार को दो युवा मरीज 37 वर्ष का युवक और 38 वर्ष की युवती को अटैक आने पर अस्पताल लाया गया। डॉ पंडाग्रे ने बताया कि शरीर को गर्म रखने के लिए हृदय को ऑक्सीजन पंप करने के लिए बहुत मेहनत करनी पड़ती है। ठंड का मौसम धमनियां भी संकुचित हो जाती हैं। हृदय में खून और ऑक्सीजन का प्रवाह भी प्रभावित होता है। खून के थक्कों की संभावना काफी बढ़ जाती है, जिससे हार्ट अटैक या स्ट्रोक की आशंका बढ़ जाती है। लश्करे हॉस्पीटल के संचालक डॉ मनीष लश्करे ने बताया कि 7 मरीज उनके हास्पीटल में विगत 15 दिनों में लाए गए। इनमें सभी की उम्र 50 से 70 वर्ष के बीच है। डॉ मनीष भी ठंड से बचने की सलाह देने के साथ अन्य बीमारियों की दवाएं नियमित समय पर लेने और सीने में दर्द, गैस की परेशानी या अन्य कोई लक्षण नजर आने पर उसे नजर अंदाज न करके तुंरत चिकित्सक को दिखाने की सलाह देते है।