Corona Mockdrill Betul: (बैतूल)। प्रदेश में बढ़ते कोरोना मरीजों की संख्या को लेकर स्वास्थ्य महकमा अलर्ट हो गया है। सोमवार को जिला चिकित्सालय सहित जिले के सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों पर कोरोना को लेकर मॉकड्रील की गई। मॉकड्रील के माध्यम से कोरोना की तैयारियों को देखा गया। आने वाले समय में कोरोना पॉजीटिव मरीज मिलते है तो बीमारी से किस तरह से निपटना है, प्रैक्टिकल करके देखा।
पिछले कुछ दिनों से प्रदेश में कोरोना के मरीज सामने आ रहे है, जिससे स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों की चिंता बढ़ गई है। स्वास्थ्य विभाग द्वारा जारी आदेशों के अनुसार सोमवार को जिला चिकित्सालय के बलून अस्पताल में मॉकड्रील की गई। सुबह 11 बजे हुई मॉकड्रील में पीपीई किट पहनकर स्वास्थ्य कर्मचारी ने कोरोना मरीज को लाया और मरीज को तुरंत ही इमरजेंसी वार्ड में शिफ्ट किया और त्वरित उपचार देकर स्वास्थ्य की जांच की। जांच के बाद उसे उपचार के लिए कोविड वार्ड में भर्ती किया। मॉकड्रील के समय मरीज को ऑक्सीजन लगाकर देखी गई। मॉकड्रील के माध्यम से अस्पताल की व्यवस्था को देखा गया। कोरोना नोडल अधिकारी डॉ.तरूण साहू ने बताया कि मॉकड्रील के समय आरएमओ डॉ.रानू वर्मा सहित कई कर्मचारी मौजूद थे। कोरोना मरीजों को दी जाने वाली दवाओं के बारे में जानकारी दी गई। अस्पताल में कोरोना को लेकर तैयारियां पूरी होना बताया जा रहा है।
ऑक्सीजन प्लांट को शुरू करके देखा (Corona Mockdrill Betul)
मॉकड्रील के समय ऑक्सीजन प्लांट को चालू करके देखा गया कि ऑक्सीजन सप्लाई हो रही है या नहीं। अस्पताल परिसर में लगे ऑक्सीजन प्लांट चालू हालात में मिले। डॉक्टरों के मुताबिक समय-समय पर ऑक्सीजन प्लांट को शुरू करके चेक किया जाता है। ऑक्सीजन की कमी न हो जिसे ध्यान में रखते हुए अस्पताल में दो ऑक्सीजन प्लांट लगाए गए है। हालांकि अभी जिले में एक भी कोरोना मरीज नहीं है, जिसके कारण ऑक्सीजन प्लांट का उपयोग नहीं हो रहा है, लेकिन कोरोना महामारी बढऩे की स्थिति में ऑक्सीजन प्लांट शुरू किया जा सकता है। ऑक्सीजन प्लांट के अलावा इमरजेंसी के लिए ऑक्सीजन सिलेंडर की भी व्यवस्था की गई है। कोरोना महामारी में ऑक्सीजन की कमी के कारण कई लोगों की जान चली गई। इन्हीं कमियो को देखते हुए अस्पताल परिसर में ऑक्सीजन प्लांट लगाया गया।
मॉकड्रील हो गई, जांच की कोई व्यवस्था नहीं (Corona Mockdrill Betul)
कोरोना महामारी से निपटने के लिए मॉकड्रील करके व्यवस्था तो बना ली, लेकिन जिले में कोरोना की जांच की कोई व्यवस्था नहीं है। ऐसे में यह पता लगाना मुश्किल हो जाएगा कि कोई व्यक्ति कोरोना से संक्रमित है। कोरोना नोडल अधिकारी डॉ.साहू ने बताया कि कई दिनों से कोरोना के सेम्पल लेना बंद कर दिए है। शासन की ओर से सेम्पल भेजने के कोई आदेश नहीं आए है। आदेश आने की स्थिति में फिर से जांच शुरू कर दी जाएगी। सवाल यही है कि जब कोरोना की जांच ही नहीं हो रही है तो पता कैसे लगेगा की जिले में भी कोरोना संक्रमित मरीज है। बिना कोरोना जांच के मॉकड्रील करना केवल खानापूर्ति करना जैसा साबित हो रहा है।
इनका कहना…
कोरोना संक्रमण के खतरे को देखते हुए जिला अस्पताल परिसर के बलून अस्पताल में मॉकड्रील की गई। मॉकड्रील के दौरान सारी व्यवस्था अच्छी पाई गई। कोरोना मरीजों के लिए 50 बेड तैयार किए है।
डॉ.तरूण साहू, कोरोना नोडल अधिकरी