Betul Today Samachar: (बैतूल)। अपने बेटे को न्याय दिलाने के लिए एक बुजुर्ग दम्पत्ति ने बैतूल की सड़कों पर ही न्याय या मृत्यु के इंतजार फैसला लिया है। 70 वर्ष के बुजुर्ग जगतनारायण शुक्ला एवं उनकी 64 वर्षीय पत्नी शीला शुक्ला ने अपने बेटे के साथ हो रहे अन्याय के विरोध में घर त्याग दिया है। बुजुर्ग दम्पत्ति के बेटे महेश कुमार शुक्ला ब्लाक समन्वयक प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण के विरुद्ध थाना शाहपुर में झूठी एफआईआर दर्ज की गई है जिसे हटाने की मांग दोनों कर रहे है। दम्पत्ति का कहना है कि उनके बेटे के विरुद्ध निराधार एवं झूठी शिकायतें दर्ज की गई है। बेटे को न्याय दिलाने के लिए अंतिम विकल्प के रुप में माता पिता ने 20 मार्च से अपना घर छोड़ दिया है।
उक्त दम्पत्ति ने कलेक्टर को दिए आवेदन में उल्लेख किया है कि वे जब तक न्याय नहीं मिलता तब तक शासन की कोई समझाईश नहीं मानेंगे और यदि कोई जबरदस्ती उनके साथ की जाती है तो वे तत्काल इच्छामृत्यु का चुनाव करेंगे। इसके अलावा बुजुर्ग दम्पत्ति ने चेतावनी दी है कि उनके परिवार के किसी भी सदस्य के साथ कोई अप्रिय घटना होती है तो इसकी जिम्मेदारी भी जिला प्रशासन एवं मध्यप्रदेश शासन की होगी। शुक्रवार दोनों पति पत्नी जिला पंचायत के हनुमान मंदिर में न्याय की आस में पूरा दिन बैठे रहे।
यह है पूरा मामला
शाहपुर निवासी जगतनारायण-शीला शुक्ला ने कलेक्टर अमनबीर सिंह बैंस को शिकायत में बताया कि उनके बेटे महेश कुमार शुक्ला को एक वर्ष से जनपद पंचायत शाहपुर के सीईओ फिरदौस शाह द्वारा मानसिक, आर्थिक एवं सामाजिक स्तर पर निराधार आरोप लगकार प्रताडि़त किया जा रहा है। महेश को दो साल से अधिक का एरियर भी नहीं दिया गया है और निराधार आरोप लगाकर परेशान किया जा रहा है। श्री शुक्ला ने बताया कि सीईओं द्वारा दी जा रही प्रताडऩा के अलावा आवास योजना में ऑपरेटर द्वारा की जा रही वित्तीय अनियमितता की शिकायत उनके बेटे ने सीईओ जिला पंचायत को आवेदन देकर भी की। जिसके बाद बाद महेश को घोड़ाडोंगरी जनपद पदस्थ किया गया।
इसके बाद पावरझण्डा ग्राम पंचायत के सरपंच, रोजगार सहायक, सफाईकर्मी द्वारा आवास योजना में वित्तीय अनियमितता की शिकायत की गई जिसमें कहीं भी महेश के नाम का जिक्र नहीं है बावजूद इसके सीईओ फिरदौस शाह द्वारा महेश के नाम से शाहपुर थाने में झूठी शिकायत कराई गई। इस मामले में शिकायत के बाद कलेक्टर कार्यालय द्वारा गठित दल द्वारा भी उच्च स्तरीय जांच कर प्रतिवेदन प्रस्तुत किया गया। महेश के विरुद्ध 5 दिसंबर 2022 को शिकायत की गई और इसी दिन जांच प्रतिवेदन भी जिला पंचायत में जमा कर दिया गया। महेश ने 6 दिसंबर को सीईओ जिला पंचायत व 9 दिसंबर को कलेक्टर को सुनवाई का मौका दिए जाने का निवेदन किया, लेकिन 10 दिसंबर को सीईओ फिरदौस शाह द्वारा एफआईआर दर्ज करा दी गई।
न्याय के लिए सड़क पर बुजुर्ग माता-पिता
महेश के बुजुर्ग माता पिता का कहना है कि महेश ने ही शाहपुर पंचायत की सभी ग्राम पंचायतों एवं पावरझण्डा में आवासों में अनियमितता होने की शिकायत जनपद एवं जिला पंचायत में लिखित आवेदन देकर की गई, लेकिन इन शिकायतों पर कोई ध्यान नहीं दिया गया। उल्टा उसे ही अनियमितता एवं झूठे आरोप लगाकर फंसा दिया गया है। अब बुजुर्ग दम्पत्ति अपने बेटे को न्याय दिलाने अपना घर त्यागकर पिछले दस दिनों से बैतूल की सड़कों पर भटक रहे है।