Betul Today News: (बैतूल)। अखिल विश्व गायत्री परिवार देव संस्कृति विश्व विद्यालय हरिद्वार के प्रति कुलपति एवं प्रख्यात विचारक डॉ. चिन्मय पंड्या शहर के प्रतिष्ठित व्यापारी एवं वरिष्ठ समाजसेवी हरवंश आहूजा के हाउसिंग बोर्ड स्थित नए निवास पर पूजन करने पहुंंचे थे. यहॉ डॉ. पंड्या हरबंश आहूजा को देखते ही बोल पड़े मामाजी कैसे हो तो वहां खड़े लोग हतप्रभ रह गए। इस मौके के साक्षी बने थे सांसद दुर्गादास उइके,विधायक योगेश पंडाग्रे, गायत्री परिवार के दक्षिण जोन के प्रभारी उत्तम गायकवाड़, ज्योतिषाचार्य डॉ. कांत दीक्षित, डॉ. कैलाश वर्मा, डॉ. शैला मूले, डॉ. सी.एच.वर्मा, दीपचंद मालवीय, मिश्रीलाल अमरूते, रोशन पट्टैया, लल्लू प्रसाद हारोड़े, शशि जागरे, ब्रज नरवरे, अधिवक्ता मदन हीरे आदि थे। डॉ. पंड्यॉ ने आहूजा परिवार को भरपूर समय दिया। करीब डेढ़ घंटे के अपने प्रवास के दौरान गायत्री परिवार के प्रमुख डॉ. प्रणव पड्या के बेटे डॉ. चिन्मय पंड्या की आहूजा परिवार के प्रति आत्मीयता देखते ही बनती थी। डॉ. पंड्यॉ ने आहूजा परिवार को भरपूर समय दिया।
डॉ. पंड्यॉ के आहूजा निवास पर कदम पड़ते ही गायत्री मॉ के जयकारे लगने लगे थे। यहॉ उनका आहूजा परिवार ने फूल मालाओं से जोरदार स्वागत किया। गायत्री पूजन के उपरांत वहां मौजूद प्रतिष्ठित लोगों से मुलाकात कर अपना आर्शीवाद दिया। डॉ. चिन्मय पंड्या की आहूजा परिवार के प्रति बेहद निकटता को राजनैतिक दृष्टि से महत्वपूर्ण माना जा रहा है।
डॉ. पंड्यॉ ने आहूजा परिवार के हर सदस्य को पहनाई माला
आम तौर पर यह होता है कि अतिथि का फूल मालाओं से स्वागत होता है लेकिन डॉ. पंड्यॉ अपने स्वागत के लिए लाई इन मालाओं से अपना स्वागत कराने की बजाय आहूजा परिवार के प्रमुख एवं 1969 से गायत्री परिवार से समर्पण के साथ जुड़े गायत्री मंदिर के प्रमुख ट्रस्टी हरबंश आहूजा, कैलाशरानी आहूजा, राजेश आहूजा, राकेश आहूजा, आदित्य आहूजा, यवतमाल से आई बहन नीना बतरा के अलावा आहूजा परिवार के अन्य सदस्यों का माला पहनाकर पूरी आत्मीयता के साथ स्वागत किया तो उस समय माहौल बेहद भावुक हो गया था। डॉ. पंड्यॉ ने यहॉ आहूजा परिवार के एक-एक सदस्य से बात कर उन्हें अपना आर्शीवाद दिया।
पंडित श्रीराम शर्मा से ली थी दीक्षा
आहूजा परिवार के प्रमुख एवं वरिष्ठ समाजसेवी हरबंश आहूजा ने 1969 में पंडित श्रीराम शर्मा आचार्य से दीक्षा ली थी। उसके बाद उनका पूरा परिवार गायत्री परिवार से जुड़ गया। पंडित शर्मा की धर्मपत्नी को हरबंश आहूजा बहन मानते है। उस रिश्ते को वर्षो बाद भी बरकरार रखते हुए डॉ. चिन्मय पंड्यॉ हरबंश आहूजा को अपना मामा मानतें है और इसी रिश्ते के चलते उन्होंने हरबंश आहूजा को मामा कहकर संबोधित किया।