हंगामा बढ़ते ही पीछे हटे नेता और अधिकारी
◼️ कालीदास चौरासे
Betul Taza Samachar: सारनी। ग्राम पंचायत बाकुड़ के गाताखेड़ा और जुआझार गांव में 4 दिनों से अंधेरा पसरा था। जिसके चलते ग्रामीण मानसिक रूप से परेशान होने के अलावा ख़ौफ़ज़दा थे। दरअसल दोनों ही गांव घने जंगल से सटे हैं। इन गांवों में कब बाघ, तेंदुआ, भालू जैसे जंगली जानवर आ जाए इसका कोई भरोसा नहीं।
वहीं सैकड़ों एकड़ भूमि पर खड़ी गेहूं की फसल सिंचाई के अभाव में सूख हो रही थी। इसीलिए ग्रामीण शाम होते ही बिजली के अभाव में मानसिक रूप से परेशान और ख़ौफ़ज़दा रह रहे थे। एक, दो, तीन दिन तक तो ग्रामीणों ने बिना बिजली के जीवन यापन कर लिया, लेकिन जैसे ही फसल सूखने लगी तो ग्रामीण एकजुट हो गए और सुबह से शाम तक बिजली कार्यालय परिसर में बैठकर हंगामा करने लगे। इस बीच भाजपा जिला महामंत्री कमलेश सिंह, ग्रामीण मंडल अध्यक्ष मोहन मोरे, सालकराम यादव और बाकुड़ क सरपंच पहुँचे। सभी ने बिजली विभाग के अधिकारी प्रमोद वरकड़े से बिजली काटने की वजह पूछी। जिसमें सामने आया कि कई ग्रामीणों पर एक साल से अधिक समय से अधिक से बिल बकाया है। काफी देर तक वितरण कंपनी के सहायक यंत्री और भाजपा नेताओं के बीच खूब बहस हुई। इसके बाद शुक्रवार को गांव में कैंप लगाकर बिल जमा कराने का आश्वासन दिया। तब जाकर वितरण कंपनी द्वारा दोनों गांव की बिजली आपूर्ति बहाल की।
सिंचाई के अभाव में सूख रही गेहूं की फसल (Betul Taza Samachar)
एक ओर सरकार किसानों की आय दोगुनी करने का दम भर रही है। वहीं दूसरी ओर बिजली के अभाव में किसानों की फसल सूख रही है। जबकि किसान चीख चीख कर कह रहे हैं कि हमने सिंचाई के लिए बाकायदा वितरण कंपनी से टेंपरेरी कनेक्शन लिया है। बावजूद इसके वितरण कंपनी द्वारा सिर्फ इसलिए बिजली आपूर्ति बाधित कर दी है कि कुछ ग्रामीणों द्वारा बिजली बिल जमा नहीं किया है। ग्रामीणों और वितरण कंपनी के मसले में हम किसानों की फसल का क्या कसूर है, जिसे वितरण कंपनी द्वारा बिजली कटौती कर सूखने पर मजबूर की जा रही है।
जुआझर के किसान शिवलाल उईके बताते हैं कि उनके द्वारा चार माह तक खेतों में सिंचाई के लिए 8250 रुपए की टीसी कटवाई है जिसकी डेट भी अभी बाकी है। फिर भी विद्युत वितरण कंपनी सारणी द्वारा 4 दिन से बिजली आपूर्ति बाधित कर दी है। जिसके चलते हम किसान खेतों में सिंचाई नहीं कर पा रहे। जबकि गेहूं के लिए मौजूदा स्थिति में सिंचाई करना काफी फायदेमंद रहेगा।
सूख जाएगी खड़ी फसल(Betul Taza Samachar)
सिंचाई नहीं करने पर गेहूं की खड़ी फसल सूख जाएगी। यह सब जानते हुए भी वितरण कंपनी द्वारा बिजली आपूर्ति बाधित कर दी गई है। गांव के सूरज बताते हैं कि हम किसानों से बिना बताए ही विद्युत वितरण कंपनी द्वारा बिजली काट दी है। जिसके चलते हम सभी किसान मानसिक रूप से परेशान हैं किसानों का कहना है कि हमारी फसल सिंचाई के अभाव में सूखती है तो इसकी पूरी जिम्मेदारी वितरण कंपनी की होगी।
दरअसल किसानों का साफ कहना है कि बिजली बिल जमा नहीं किया गया है तो इसको लेकर वितरण कंपनी ग्रामीणों पर कार्रवाई करें हम किसानों ने 4 माह पहले ही टेंपरेरी कनेक्शन लेकर उसका पूर्ण भुगतान कर दिया है, तो फिर हम किसानों की बिजली काटकर वितरण कंपनी और सरकार क्या साबित करना चाह रही हैं।मंगलवार को आक्रोशित किसान गांव के चौपाल पर एकजुट हुए और अपनी समस्याएं बताई।
इनका कहना –
गाताखेड़ा और जुआझर के ग्रामीणों पर वितरण कंपनी का लगभग 3 लाख रुपया बकाया है। ग्रामीणों पर बकाया बिल बढ़ता ही जा रहा है। ग्रामीण और टीसी कनेक्शन वाले एक ही व्यक्ति है। इसी वजह से बिल जमा कराने बिजली कटौती की थी।
प्रमोद वरकड़े, सहायक यंत्री, वितरण कंपनी, सारनी।
जुआझर और गताखेड़ा गांव के किसानों द्वारा सिंचाई के लिए नियमानुसार टीसी कनेक्शन लिया है। जिसका भुगतान भी कर दिया गया है। सिंचाई कनेक्शन की तिथि पूरी होने से पहले बिजली विभाग द्वारा आपूर्ति बाधित कर दी है। जिससे खेतों में खड़ी फसल की किसान सिंचाई नहीं कर पा रहे। जिसके चलते आज मजबूरन किसानों के समर्थन में हमें बिजली विभाग कार्यालय पहुँचकर प्रदर्शन करना पड़ा। दोनों ही पक्षों में समन्वय बनने के बाद शुक्रवार को शिविर लगाकर बिल जमा कराया जाएगा। आपसी सहमति बनने पर बिजली आपूर्ति बहाल कर दी गई है।