
Betul Sanjhveer News: रेत के कारोबार में फायदे को देखते हुए अब कई नामी गिरामी भाजपा और कांग्रेस नेता मैदान में कूद पड़े हैं। उन्हें जरा भी डर नहीं है कि पद पर रहने के कारण उनकी छवि पर क्या असर पड़ेगा। केवल फायदें के लिए बड़े पैमाने पर चोपना और शाहपुर के आसपास से रेत खनन कर बैतूल लाई जा रही है। इनके नाम भी सोशल मीडिया पर उजागर हो चुके हैं , लेकिन इनकी पार्टी प्रमुखों का जैसे अभय दान मिल गया है, इसी वजह सफेदपोश नेताओं पर आच नहीं आई है। हालांकि पीले सोने के कारोबार में हाथ रंगे जाने से पार्टी की छवि जमकर खराब हो रही है।
सूत्र बताते हैं कि पिछले डेढ़ माह में जिस तरह से अवैध रेत का कारोबार चल रहा है, यह किसी से नहीं छिपा है। दिन और रात डंपर और टै्रक्टर धमाचौकड़ी कर सड़कों की बखिया उखाड़ चुके हैं। सूत्र बताते हैं कि कोयले के कारोबार में चर्चित फगन नाम का कारोबारी शाहपुर और चोपना क्षेत्र में अपनी अगुवाई में रेत निकालकर कांग्रेस- भाजपा नेताओं को दे रहे हैं। इसके लिए फगन और चोपना के कुछ मंझे हुए रेत कारोबारी दिन में रेकी करने के बाद शाम ढलने से अलसुबह तक सैकड़ों की संख्या में डंपर और ट्रालियों को निकाल रहे हैं।
तीन थानों की पुलिस बनी मूकदर्शक
कहने को तो शाहपुर-चोपना से बैतूल तक तीन थानों की पुलिस का क्षेत्र आता है, लेकिन किसी भी जगह रेत के डंपर और ट्रेक्टरों को रोकने का प्रयास नहीं हो रहा है। तीनों ही थाना क्षेत्रों में करीब पांच स्टापर बनाकर वाहनों की चेकिंग होती है, लेकिन क्या मजाल कि रेत से भरे ट्रेक्टर ट्राली और डंपरों को रोककर चेकिंग का प्रयास किया जाए। निरीक्षण के बाहने केवल पुलिसकर्मी रोककर वाहनों को चलता कर रहे हैं। इसके नजारे भी कई लोगों ने आंखों से देखे हैं। कुछ सबूतों के साथ इस मामले में प्रत्यक्षदर्शी अधिकारियों और मीडिया को भी वास्तविकता से अवगत कराने वाले हैं। सूत्र बताते हैं कि नादिया घाट, खैरवानी, लोनिया, छतरपुर की नदियों से भी एक अन्य गैंग रात में खुलेआम ट्रालियों से रेत का परिवहन कर रही है। यहां पुलिस के अलावा खनिज विभाग की भूमिका पर सवाल उठाए जा रहे हैं।
लग्जरी वाहन में नेताओं की धमाचौकड़ी
जानकार सूत्रों ने बताया कि पिछले डेढ़ माह से बैतूल से लेकर शाहपुर-चोपना और सारणी के आसपास की नदियों से निकलने वाली रेत को लेकर जिला मुख्यालय समेत आसपास के नेता लग्जरी वाहनों से रात में घूम रहे हैं। इनका मकसद अपने डंपरों से आने वाले रेतों की निगरानी करना है। यदि पुलिस गलती से भी डंपर रोक ले तो पार्टी के पदाधिकारियों से तुरंत मोबाइल पर बात कराना भी आम चर्चा का विषय बना हुआ है। सूत्रों ने तो यह भी बताया कि सफेदपोश रात में निगरानी के बाद ढाबों पर पार्टी मना रहे हैं और दिन में आराम करते नजर आ रहे हैं। इस बारे में प्रभारी खनिज अधिकारी वीरेंद्र वशिष्ट को मोबाइल पर काल किया पर उन्होंने रिसीव नहीं किया।
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