Betul Samachar : बैतूल। प्रदेश कांग्रेस में वरिष्ठ नेताओं को पीसीसी चीफ कमलनाथ ने जिम्मेदारी तो दी है, लेकिन संबंधित पदाधिकारी अपनी जिम्मेदारियों के बजाए ऐसी बातें मीडिया से कह रहे हैं, जो किसी को हजम नहीं हो रही है। ताजा मामला बैतूल जिले की आठनेर नगरपरिषद में कांग्रेस के तीन पार्षदों को पार्टी से निष्कासित करने पर प्रदेश कांग्रेस के उपाध्यक्ष और संगठन प्रभारी राजीव सिंह से मीडिया की चर्चा के बाद सामने आया है। इस प्रतिनिधि से उन्होंने साफतौर पर कहा कि यदि पार्षदों को नोटिस नहीं मिला है तो वे लिखित में अपना जवाब दे सकते हैं। अलबत्ता उनसे जिला कांग्रेस कमेटी को 31 जनवरी को पत्र भेजने और उस समय कमेटी भंग होकर दो अध्यक्ष बनाए जाने को लेकर सवाल किया तो वे तपाक से बोल पड़े कि यह पार्टी संगठन का मामला है। इस बात से अंदाजा लगाया जा सकता है कि कांग्रेस मेें किस तरह काम हो रहा है।
इस समय बैतूल विधानसभा की आठनेर नगरपरिषद में तीन कांग्रेसी पार्षद रीता प्रदीप झोड़, रंजीता परेश मगरदे और प्रियंका सुनील राठौर के निलंबन का मामला खासा सूर्खियों में है। इसकी वजह विधानसभा चुनाव के पहले कांग्रेस में गुटबाजी दोबारा उभरकर सामने आने के बाद कहीं जा सकती है। जिले में दो कांग्रेस अध्यक्ष बनने के बाद एक दूसरे को नीचा दिखाने का प्रयास चल रहा है। नतीजतन अपनी राजनैतिक पहुंच से नोटिस दिलाने, निलंबन की कार्रवाई तेज हो गई। आठनेर नगर परिषद के चुनाव वैसे 6 माह पहले हो चुके हैं, लेकिन तब तक किसी को याद नहीं आई कि पार्षदों ने अध्यक्ष के चुनाव में क्रास वोटिंग की है, लेकिन जैसे ही जिला कांग्रेस अध्यक्ष शहर और ग्रामीण की घोषणा हुई, इसके ठीक बाद गुटबाजी चरम पर पहुंच गई है। इसके परिणाम तो विधानसभा चुनाव के बाद देखने को मिलेंगे। फिलहाल जिस तरह कांग्रेस में नोटिस-नोटिस खेला जा रहा है। इससे कांग्रेस कार्यकर्ताओं में मायूसी छाई है। दबी जुबान से कांग्रेस कार्यकर्ता नोटिस के इस खेल के पीछे पार्टी को कमजोर करने की साजिश बता रहे हैं।
प्रदेश संगठन प्रभारी ने स्पष्ट की राय
आठनेर में तीन पार्षदों के निलंबन के मामले में प्रदेश संगठन उपाध्यक्ष राजीव सिंह द्वारा 31 जनवरी को आठनेर के तीन पार्षदों को नोटिस देकर अध्यक्ष चुनाव में सरिता ज्ञानदेव माथनकर को उम्मीदवार बनाने के बाद क्रास वोटिंग को लेकर रीता झोड़, प्रियंका राठौर और रंजीता मगरदे से महज तीन दिन में आनन-फानन में जवाब मांगा गया था। इस मामले में जवाब न मिलने पर राजीव सिंह ने तीनों पार्षदों को 15 फरवरी को प्राथमिक सदस्यता से 6 वर्ष के लिए निष्कासित कर दिया। पार्षदों ने सांझवीर टाईम्स को बताया था कि उन्हें नोटिस मिला ही नहीं है और बिना पक्ष जाने पार्टी से निष्कासित कर दिया गया। इस मामले को लेकर सांझवीर टाईम्स ने श्री सिंह से चर्चा की तो उन्होंने कहा कि यदि पार्षदों को नोटिस नहीं मिला है तो वे लिखित में भी वे अपनी बात प्रदेश कांग्रेस कमेटी को कर सकते हैं। हालांकि वे यह नहीं बता सके कि जब उन्हें नोटिस नहीं मिला है तो वे जवाब किस बात का देंगे, इस पर वे जवाब नहीं दे पाए। जब उनसे पूछा गया कि 23 जनवरी को बैतूल में दो अध्यक्षों की नियुक्ति हो चुकी है, फिर नोटिस कांग्रेस कमेटी को प्रतिलिपि किस आधार पर दी गई है? इस प्रश्न के जवाब में उन्होंने कहा कि यह हमारा लुकआउट है। उनके इस जवाब से सहज अंदाजा लगाया जा सकता है कि अपनी गलती पर वे मीडिया को गोलमाल जवाब दे रहे हैं।
विधायक बोले-क्रास वोटिंग की इसलिए नोटिस मिला
आठनेर में कांग्रेस के तीन पार्षदों के निष्कासन के बाद स्थानीय विधायक निलय डागा ने पहली बार अपनी चुप्पी तोड़ी। दरअसल इस मामले में जिला कांग्रेस अध्यक्ष सुनील शर्मा से सांझवीर टाईम्स से चर्चा की तो उन्होंने स्पष्ट कर दिया कि आठनेर के मामले में कुछ नहीं कह पाऊंगा। न मैंने टिकट बांटी और न अनुशंसा की। यह विधायक जी ही बता पाएंगे। इसके बाद जब विधायक श्री डागा से चर्चा की तो उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा कि तीनों पार्षदों ने कबूल किया है कि उन्होंने क्रास वोटिंग की है। यह बात भी प्रभारी की रिपोर्ट में लिखा है। पार्षदों ने क्रास वोटिंग की है, इसलिए उन्हें संगठन से नोटिस मिला है।