
Betul Ki Ret : बैतूल जिले की रेत के मामले में फौरी तौर पर राहत मिली है, लेकिन माफियाओं की तरह ही लोगों को अपनी जेबे हल्की करना पड़ेगा। दरअसल दक्षिण भारत की रामका कंपनी को 3 करोड़ 48 लाख 89 हजार 999 रुपए में डंप रेत का ठेका मिला था। यह रेत आफसेट प्राइज से एक करोड़ बीस लाख अधिक थी, लेकिन पूर्व कंपनी उमा रेसीडेंसी ने इसके खिलाफ याचिका लगा दी थी। हालांकि याचिका में दक्षिण भारत की कंपनी को राहत मिल गई। इसके बाद खनिज विभाग ने विधिवत आदेश जारी करते हुए कंपनी को डंप की गई 64 हजार घन मीटर रेत की सप्लाई शुरू करने के आदेश जारी किए है। खबर है कि गुरुवार से कंपनी ने डंप रेत से सप्लाई शुरू कर दी है, लेकिन चौकाने वाली बात यह सामने आई है कि नीलामी में अधिक राशि की बोली लगाने के कारण मौके पर 45 रुपए फीट से रेत बेची जाएगी। यानि एक डंपर लोगों को लगभग 25 हजार रुपए चुकाना पड़ेगा।
जिले में रेत का कारोबार अक्सर लापरवाही की भेंट चढ़ते आ रहा है। इसमें कहीं न कहीं प्रशासनिक चूक भी कहीं जा सकती है, लेकिन पूर्व में हुई गलती से सबक न लेते हुए खनिज विभाग के जिम्मेदारों ने शून्य की गलती से पूरा बवाल खड़ा कर दिया। मामला न्यायालय में पहुंच गया। इसके बाद डंप रेत का भी प्रकरण सीधे हाईकोर्ट पहुंचने से पिछले 7-8 माह से लोगों को महंगी रेत खरीदकर अपनी जेब हल्की करना पड़ रहा है। हालाकि कलेक्टर अमनबीर सिंह बैंस ने रेत की समस्या को देखते हुए तत्परता दिखाई और भोपाल के खनिज विभाग के आला अधिकारियों को लगातार पत्र लिखा। चूंकि हाईकोर्ट से डंप रेत के मामले में उमा रेसीडेंसी को राहत नहीं मिली थी। इसलिए दक्षिण भारत की हैदराबाद की रामका कंपनी को डंप रेत के टेंडर को लेकर स्थिति स्पष्ट हो गई। कलेक्टर ने पिछले सप्ताह ही खनिज विभाग के शीर्ष अधिकारियों से पत्राचार और चर्चा कर जिले में रेत की कमी को देखते हुए तत्काल निर्णय लेने के लिए कहा था। पर्यावरण की अन्य अनुमति दिलाने के उच्च स्तर पर प्रयास किए। इसका नतीजा यह हुआ कि गुरुवार से डंप रेत बेचने के लिए रामका कंपनी ने सिलसिला शुरू कर दिया है।
लोगों को नहीं मिलेेगी महंगी रेत से राहत
तमाम कवायद के बावजूद लोगों को महंगी रेत से राहत मिलते नजर नहीं आ रही है। दरअसल रामका कंपनी ने कुल 1 करोड़ 20 लाख की अधिक बोली लगाकर डंप रेत 3 करोड़ 48 लाख रुपए में हासिल किए है। इसी वजह पहले ही संभावना जताई जा रही है कि डंप रेत भी महंगी मिलेगी। गुरुवार से जब डंप रेत का काम शुरू हुआ तो कंपनी ने 45 रुपए फीट रेत की दर निर्धारित कर दी। पूर्व में उमा रेसीडेंसी द्वारा 20 से 22 रुपए फीट रेत बेचे जाने की जानकारी सामने आई है। रेत कारोबार से जुड़े लोगों ने बताया कि यदि 45 रुपए फीट रेत ठेकेदार द्वारा दी गई तो एक डंपर लगभग 25 हजार रुपए में पड़ेगा। लोगों को पहुंचते तक रेत के दाम तीस हजार रुपए तक हो सकते हैं। इससे लोगों को राहत नहीं मिलेगी।
मकान बनाने का सपना अभी भी रहेगा अधूरा
जिले में सैकड़ों की संख्या में पीएम आवास के काम रूके हुए है। जनवरी के अंतिम सप्ताह तक उम्मीद की जा रही थी कि रेत संकट से मुक्ति मिलने के बाद गरीब लोगों को महंगी रेत से छूटकारा मिलेगा, लेकिन रेत के दाम दोगुने निर्धारित कर दिए गए है। अब तक माफियाओं से भी 28 हजार रुपए में डंपर मिलते आ रहा था। डंप रेत की दर निर्धारित होने पर गरीबों का सस्ता आवास का सपना अधूरा रहने से इंकार नहीं किया जा सकता है। कांग्रेस ने भी कुछ दिनों पहले मुखर होकर डंप रेत के दाम में कमी करने के लिए कलेक्टर से गुहार लगाई थी, लेकिन नतीजा सिफर निकला।
इनका कहना…
हैदराबाद की रामका कंपनी को डंप रेत से काम शुरू करने के आदेश दे दिए गए हैं। 64 हजार घनमीटर रेत का उठाव शुरू हो गया है। अब लोगों को रेत मिलना शुरू हो जाएगी। रेत के दाम के लिए ठेकेदार ही बता पाएंगे।
भगवंत नागवंशी, प्रभारी खनिज अधिकारी बैतूल