
Betul Politics : आगामी विधानसभा चुनाव में जिले की आदिवासी वर्ग के लिए आरक्षित भैंसदेही विधानसभा में यदि भाजपा- कांग्रेस की जीत पर ब्रेक लगा तो कोई बड़ी चौकाने वाली बात नहीं की जा सकती है। दरअसल पिछले दो वर्षों से विधानसभा के भीमपुर क्षेत्र में जिस तरह जय आदवासी संगठन (जयस) ने सक्रियता दिखाई है। यह सत्तारूढ़ भाजपा और कांग्रेस के लिए खतरे की घंटे कहीं जा सकती है। कुछ माह पहले हुए जिला पंचायत चुनाव में वार्ड क्रमांक 21 से जयस के जिला अध्यक्ष संदीप धुर्वे ने भाजपा- कांग्रेस समर्थित प्रत्याशियों को धूल चटाकर आठ हजार से अधिक मतों से जीत हासिल कर साबित कर दिया है कि क्षेत्र में उनका कितना जनाधार है। जयस का यह जनाधार आने वाले विधानसभा चुनाव में सबसे अधिक खतरे की घंटे भाजपा के लिए बना हुआ है। कांगे्रस के लिए भी जयस से नुकसान हो सकता है।
लगभग 4 महीने पहले हुए जिला पंचायत चुनाव में बिना पार्टी सेम्बाल के कई प्रत्याशी मैदान में उतरे थे। कुल 23 वार्डो में अधिकांश पर भाजपा और कांग्रेस समर्पितों के बीच ही मुकाबले की बात कही जा रही थी, लेकिन इसके उलट भीमपुर ब्लॉक के 21, 22 और 23 में जयस के उम्मीदवारों ने मुकाबले को न सिर्फ रोचक बना दिया, बल्कि 3 में से एक 21 नंबर वार्ड पर जयस समर्थक उम्मीदवार संदीप धुर्वे ने भाजपा-कांग्रेस समर्पित प्रत्याशियों को 8 हजार से अधिक मतों से पराजित कर जीत का परचम लहरा दिया। इसके अलावा अन्य दो वार्डो में जयस प्रत्याशी दो नंबर की पोजीशन पर रहे। कांग्रेस इन वार्डो में 3 नंबर पर खिसक गई। इससे साफ जाहिर है कि जयस की जीत ने दोनों दलों की चिंता बढ़ा दी है।
विधानसभा चुनाव नहीं दोनों पार्टी के लिए आसान (Betul Politics)
जयस की भीमपुर विकासखंड में कुल 54 पंचायतों के तीन जिला पंचायत के वार्डो का आंकलन करें तो भाजपा और कांग्रेस के लिए चौंकाने वाली स्थिति हो सकती है। सूत्र बताते है कि इन तीनों वार्डो में करीब 120 गांव शामिल है। जयस का जनाधार बढ़़ा है या नहीं यह तो पार्टी के लोग आंकलन कर सकते है, लेकिन भैंसदेही विधानसभा में कुल 120 पंचायतें है।
लिहाजा अंदाजा लगाया जा सकता है कि भीमपुर क्षेत्र की 54 पंचायतों में जयस ने जिस तरह अपना जनाधार बनाया है यह आदिवासी बाहुल्य विधानसभा में भाजपा और कांग्रेस के लिए खतरे की घंटी से कम नहीं कहा जा सकता। राजनैतिक जानकार बताते है कि वार्ड में जिस तरह संदीप धुर्वे ने जीत हासिल की है यह भाजपा के वोट बंैंक पर सीधी सेंधमारी है। इससे कांग्रेस को भी कुछ नुकसान होने से इंकार नहीं किया जा सकता। यदि जयस क्षेत्र में निरंतर सक्रिय रहती है तो न तो भाजपा और न ही कांग्रेस 8 माह बाद होने वाले विधानसभा चुनाव में जीत का दावा कर सकती है।
एक वर्ष में अपने बलबुते 8 हजार से जीत के कई मायने (Betul Politics)
राजनैतिक जानकारों की माने तो भीमपुर ब्लॉक में जयस का जनाधार काफी बढ़ रहा है। इसी वजह पेसा एक्ट का कार्यक्रम बैतूल से भीमपुर के कुंडबकाजन में आयोजित कर एक तीन से कई निशाने साधे है। जिस तरह जयस यह सक्रिय दिखाई दी, इससे प्रशासन के भी हाथ पैर भी फूल गए थे। इसके पहले संदीप धुर्वे ने महज एक वर्ष की सक्रियता के बूते जिला पंचायत के वार्ड क्र 21 से 8 हजार वोटों से जीत हासिल की है। यह राजनैतिक लिहाज से काफी महत्वपूर्ण मानी जा सकती है। यह जिले में जयस का उदय कहा जा सकता है। तो भाजपा और कांग्रेस के लिए खतरे की घंटी से कम नहीं है।