Betul News: (बैतूल)। आठनेर नगर परिषद में चुनाव के बाद कांग्रेस के तीन पार्षदों को निष्कासित करने के मामले ने सामाजिक रूप धारण कर लिया है। क्रास वोटिंग के आरोप में निलंबित की गई राठौर समाज की प्रियंका सुनील राठौर ने मंगलवार को अपने समाज के जिला अध्यक्ष अनिल राठौर से शिकायत कर कांग्रेस के प्रभारी लवलेश उर्फ बब्बा राठौर के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। उन्होंने समाज के जिला अध्यक्ष को पत्र लिखकर आरोप लगाया है कि बब्बा ने समाज की निर्वाचित पार्षद को विधायक निलय डागा के कहने पर बिना आधार के पार्टी से निष्कासन कराया है। इधर आठनेर में कांग्रेस के चुनाव प्रभारी रहे बब्बा ने निष्कासित पार्षदों की बातों को बेबुनियाद बताते हुए कहा कि उन्होंने केवल चुनाव की रिपोर्ट पार्टी संगठन को सौंपी है। निष्कासन का अधिकार भी उन्हीं को है। फिलहाल इस मामले में प्रियंका के मोर्चा खोलने के बाद समाज की राजनीति भी गर्मा गई है।
दिन पहले कांग्रेस के संगठन उपाध्यक्ष और प्रभारी राजीव सिंह ने आठनेर नगर परिषद चुनाव में प्रभारी की रिपोर्ट के आधार पर राठौर समाज की प्रियंका सुनील राठौर और कुनबी समाज की पार्षद रीता प्रदीप झोड़ एवं रंजीता परेश मगरदे को 6 साल के लिए पार्टी से निष्कासित कर दिया था। इसके बाद से ही यह मामला खासी सूर्खियां बटोर रहा है। निष्कासित पार्षद उन्हें किसी भी तरह का नोटिस मिलने से इंकार कर चुकी है। दूसरी तरफ पार्टी के जिम्मेदार कह रहे हैं कि नोटिस का लिखित में जवाब दिया जा सकता है, लेकिन वे समझने का प्रयास नहीं कर रहे हैं कि जब पार्षदों को नोटिस मिला ही नहीं तो जवाब किस बात का दे। चूंकि मामला जिले के दो बहुसंख्यक कुनबी और राठौर समाज से जुड़ा है, इसलिए मामला काफी सूर्खियां बटोर रहा है। इसी बीच अचानक राठौर समाज की पार्षद प्रियंका ने आठनेर नगर परिषद चुनाव में प्रभारी रहे लवलेश राठौर के खिलाफ मोर्चो खोल इसे सामाजिक रूप दे दिया है।
अध्यक्ष को पत्र लिखकर मांगा न्याय
कांग्रेस से निष्कासित पार्षद प्रियंका ने जिला क्षत्रिय राठौर समाज के अध्यक्ष अनिल राठौर को पत्र लिखकर अपनी पीड़ा बताई है। उन्होंने पत्र में लिखा है कि वे वार्ड क्रमांक एक से कांग्रेस उम्मीदवार के रूप में निर्वाचित हुई, लेकिन नगर परिषद आठनेर के अध्यक्ष पद के लिए चुनाव में उन पर पार्टी के चुनाव प्रभारी बब्बा राठौर द्वारा तथाकथित फर्जी सर्वे सूची रिपोर्ट में उनके द्वारा पार्टी के खिलाफ क्रास वोटिंग के बिना सबूत आरोप लगाए गए। इससे उन्हें पार्टी ने 6 साल के लिए निष्कासित कर दिया, यह अनुचित है। उन्होंने समाज के जिला अध्यक्ष को लिख पत्र में बताया कि बब्बा राठौर समाज के होने के बावजूद समाज की निर्वाचित पार्षद को विधायक निलय डागा के कहने पर बिना आधार के निष्कासन करा दिया, इससे प्रतीत होता है कि बब्बा राठौर समाज को नीचा दिखाने का काम कर रहे हैं। पत्र में उन्होंने राठौर समाज के खिलाफ कार्य करने वालों के खिलाफ उचित कार्रवाई का आग्रह किया है। उल्लेखनीय है कि राठौर समाज के जिले में बड़ी संख्या में लोग निवास करते हैं। समाज का काफी प्रभाव भी है। ऐसे में पार्षद द्वारा प्रभारी के खिलाफ मोर्चा खोलने के कई मायने निकाले जा रहे हैं।
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बब्बा ने आरोपों को नकारा
इधर आठनेर नगर परिषद में कांग्रेस के चुनाव प्रभारी रहे बब्बा राठौर ने निष्कासित पार्षद के आरोप को बेबुनियाद बताया है। बब्बा ने बताया कि वे आठनेर के चुनाव प्रभारी थे। यहां जो भी घटनाक्रम हुआ, इसकी रिपोर्ट बनाकर प्रभारी को सौंप दी थी। पार्षद के खिलाफ निष्कासन की कार्रवाई का अधिकार क्षेत्र उनका नहीं बल्कि पार्टी संगठन का है। मेरा काम रिपोर्ट बनाकर संगठन को देना था, यह मैंने दे दी थी। निष्कासित पार्षद द्वारा समाज के जिला अध्यक्ष को जिस तरह की शिकायत की गई है, यह पूरी तरह से बेबुनियाद है।
इनका कहना..
मुझे पार्षद द्वारा लिखा गया पत्र नहीं मिला है। चूंकि मैं सामाजिक कार्यक्रम में बैतूल के बाहर हूं। यदि पत्र मिलता है तो देखने के बाद ही कुछ कह पाऊंगा।
अनिल राठौर, जिला अध्यक्ष, क्षत्रिय राठौर समाज बैतूल।