Betul News: (बैतूल)। स्वास्थ्य विभाग में अधिकारी बदल गए, लेकिन व्यवस्थाओं के नाम स्थिति जस की तस है। पुराने सीएमएचओ के निलंबित होने के बाद नए ने कुछ माह पहले ही आमद दी है, लेकिन वे भी अधिकारियों के आदेशों पर अमल नहीं कर रहे हैं। इससे दूरस्थ अंचलों की स्वास्थ्य सेवाएं एक बार फिर चरमराने लगी है। मामला अटैचमेंट से जुड़ा है, जिसके लिए नर्मदापुरम कमिश्नर और कलेक्टर को शिकायत के बाद कुछ अटैच कर्मचारियों को मूल पदस्थापना स्थल भेज दिया गया था। इनमें से कुछ चहेतों को दोबारा सीएमएचओ कार्यालय अटैच कर लिया गया है।
अंधा बांटे रेवड़ी, चिन्न-चिन्न कर दें की तर्ज पर स्वास्थ्य विभाग में सामुदायिक एवं प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के कर्मचारियों को अटैच करने का खेल खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है। पूर्व में सीएमएचओ डॉ. एके तिवारी ने अपने कार्यकाल के दौरान दर्जनों कर्मचारियों को बैतूल अटैच कर रखा था। उन्होंने दावा किया था कि जिला मुख्यालय पर व्यवस्था बनाने के लिए इन्हें अटैच किया गया है। हालांकि यह मामला उस समय काफी सूर्खियों में था जब सांझवीर टाईम्स में सिलसिलेवार खबरें प्रकाशित की गई। इसके बाद न सिर्फ बैतूल बल्कि नर्मदापुरम तक हड़कंप मचने पर अटैचमेंट के खेल पर रोक लग गई थी।
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कमिश्नर और प्रभारी कलेक्टर ने जताई नाराजगी
उस समय यह मामला सूर्खियों में आने के बाद स्वास्थ्य विभाग में जमकर हड़कंप मचा। स्थिति यह थी कि अटैच कर्मचारी अपने राजनैतिक आकाओं के पास पहुंचकर मान मनुहार लगाने लगे। इस बीच नर्मदापुरम के तेज तर्रार कमिश्नर श्रीमन शुक्ल को भी बैतूल के अनिल कावड़कर ने स्वास्थ्य विभाग में नियम विरूद्ध अटैचमेंट करने की लिखित शिकायत नर्मदापुरम जाकर की थी तो उन्होंने कलेक्टर अमनबीर सिंह बैंस के अवकाश पर होने के कारण प्रभारी कलेक्टर एवं जिला पंचायत सीईओ अभिलाष मिश्रा को मामले में कार्रवाई के निर्देश दिए। श्री मिश्रा ने जब जांच की तो वास्तविकता सामने आ गई थी कि सहायक ग्रेड 3 अखिलेश मालवीय एवं दो अन्य लिपिकों को सीएमएचओ कार्यालय में नियम विरूद्ध अटैचमेंट पाया गया था। इनमें से एक का जिले से बाहर तबादला हो चुका था। अखिलेश मालवीय को तात्कालीन प्रभारी कलेक्टर श्री मिश्र ने मूल पदस्थापना भेजने के आदेश दिए। सांझवीर टाईम्स की खबर के पश्चात उन्हें वापस चिरापाटला के लिए रिलीव कर दिया गया था।
आदेशों की परवाह नहीं, फिर कार्यालय बुलवा लिया
स्वास्थ्य विभाग में अटैचमेंट के खेल में नया पेंच आ गया है। पूर्व सीएमएचओ डॉ एके तिवारी ने निलंबन होने के पहले अधिकारियों के आदेश की अवहेलना करते हुए अपने चेहते लिपिक अखिलेश को दोबारा चिरापाटला से सीएमएचओ कार्यालय अटैच कर लिया। यह बात कोई और नहीं बल्कि वर्तमान सीएमएचओ ने इस प्रतिनिधि को जानकारी दी है। अगर ऐसा हुआ है कि साफ जाहिर है पूर्व सीएमएचओ के कार्यकाल में चहेते लिपिक को वापस बुलवाया लिया गया, लेकिन वर्तमान सीएमएचओ ने अटैच कर्मचारी के बारे में कोई जानकारी ही नहीं ली। जब उन्हें मामले से अवगत कराया तब विभाग में हलचल मची हुई है। इस बारे में कमिश्रर और कलेक्टर के आदेशों की भी खुलेआम अवहेलना हुई है।
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इनका कहना…
सहायक ग्रेड-3 अखिलेश मालवीय का अटैचमेंट डॉ एके तिवारी के कार्यकाल में हुआ है। मुझे आपके माध्यम से यह बात पता चली है। मैं कलेक्टर साहब के सामने फाईल रखकर इस मामले में चर्चा करूंगा।
डॉ सुरेश बौद्ध, सीएमएचओ, बैतूल।