Betul News: (बैतूल)। आमला के सीनियर अनुसूचित जाति कन्या छात्रावास में जन्मदिन मनाए जाने के 7 दिन बाद भी अधीक्षिका पर अब तक कोई कार्यवाही नहीं हो पाई है। जानकारी के मुताबिक मामला संवेदनशील कलेक्टर अमनबीर सिंह बैंस के संज्ञान में आने के बाद उन्होंने जांच के आदेश तो दे दिए थे, लेकिन जांच रिपोर्ट अभी तक कलेक्टर तक नहीं पहुंच पाई है। पूरे मामले में जांच अधिकारी ने गुरुवार ही सहायक आयुक्त आदिवासी को जांच रिपोर्ट सौंप दी थी, लेकिन अब तक यह रिपोर्ट कलेक्टर को नहीं सौंपी गई है।
सूत्र बताते हैं कि जिस अधीक्षिका पर अपने छात्रावास में जन्मदिन जैसे कार्यक्रम आयोजित करने के आरोप लग रहे हैं, इनके बारे में कहा जाता है कि वर्ष 2009 से इसी छात्रावास में अपनी सेवाएं दे रही हैं। सूत्रों ने यह भी बताया कि कन्या छात्रावास होने के बावजूद हर दिन आमला से अप-डाउन करने वाली छात्रावास अधीक्षिका बिना अधिकारियों के छूट की वजह से रात के समय छात्रावास में नहीं रूक रही है। इसी वजह पूरे मामले में अधीक्षिका को बचाने की जमकर चर्चा चल रही है। कहां जा रहा है कि उनके भाजपा और कांग्रेस के जनप्रतिनिधियों से भी अच्छे संबंध है। इसलिए राजनैतिक रसूखों का उपयोग कर मामले में बचने के प्रयास किए जा रहे हैं। दूसरी ओर सवाल खड़े हो रहे हैं कि आखिर अधीक्षिका को बचाने की कोशिश क्यों कि जा रही है, कलेक्टर को गुमराह क्यों किया जा रहा है।
गुरुवार को सौंपी जा चुकी है जांच
जानकारी के मुताबिक इस गंभीर मामले में जांच करने के लिए गुरुवार ही जनजाति कार्य विभाग के एक अधिकारी को कन्या छात्रावास भेज दिया गया था। उक्त अधिकारी ने पूरे मामले की जांच कर प्रतिवेदन सहायक आयुक्त शिल्पा जैन को गुरुवार को सौंपा जा चुका है। सूत्र बताते हैं कि प्रारंभिक जांच में यह पाया गया है कि छात्रावास परिसर में नियम विरुद्ध तरीके से जन्मदिन के कार्यक्रम का आयोजन किया गया था, जिसमें बाहरी लोगों को भी कन्या छात्रावास में बुलाया गया। प्रथम दृष्टया ही यह मामला साबित हो चुका है कि कलेक्टर अमनबीर सिंह ने भी कार्यक्रम को अनूचित माना है। इस बीच सहायक आयुक्त के टेबल पर जांच रिपोर्ट पहुंचने के 48 घंटे बाद भी कलेक्टर को न सौंपा जाना कई तरह के सवाल खड़े कर रहा है। जांच रिपोर्ट के आधार पर कार्रवाई सुनिश्चित न होने की भी खासी चर्चा हो रही है।
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अब सोमवार को कार्रवाई की संभावना
सूत्र बताते हैं कि जांच अधिकारी द्वारा रिपोर्ट सौंपे जाने के बावजूद रिपोर्ट जानबूझकर कलेक्टर को दो दिन से नहीं दी गई। बताया यह जा रहा है कि जांच अभी चल रही है। शनिवार और कल रविवार का अवकाश होने के कारण शायद अब रिपोर्ट सोमवार को ही कलेक्टर तक पहुंच पाने की संभावना है। पूरे मामले में जिस तरह से कलेक्टर को गुमराह किया जा रहा है। इसकी भी जमकर चर्चा चल रही है। इस संबंध में सहायक आयुक्त आदिवासी शिल्पा जैन को उनके मोबाइल 9425394654 पर कॉल किया, लेकिन कवरेज से बाहर होने के कारण चर्चा नहीं हो सकी।
इनका कहना….
जांच रिपोर्ट आने की जानकारी मुझे नहीं है। सहायक आयुक्त को सोमवार तक रिपोर्ट टेबल पर रखने के लिए कहा गया है। रिपोर्ट देखने के बाद कार्रवाई तय की जाएगी।
अमनबीर सिंह बैंस, कलेक्टर बैतूल।