Betul News: (बैतूल)। भारत की सबसे पुरानी कही जाने वाली कांग्रेस पार्टी में परिपाटी बदल रही है। भले ही बैतूल जिले में दो जिला कांग्रेस अध्यक्ष है, लेकिन यहां ब्लॉक अध्यक्षों एवं पदाधिकारियों की नियुक्तियां सीधे भोपाल से हो रही है। यानी कांग्रेस में यदि भोपाल तक पहुंच है तो जिला अध्यक्ष के आगे-पीछे घूमने के बजाए सीधे वहीं से नियुक्ति मिलने के साथ प्रतिलिपी कांग्रेस अध्यक्षों को मिल जाएगी। इस बदली परिपाटी में दोनों जिला कांग्रेस अध्यक्षों को कमजोर कर दिया है। कांग्रेस जिला अध्यक्ष अब अपनी कार्यकारिणी ही घोषित कर पाएंगे, इसमें भी प्रदेश संगठन और स्थानीय विधायक की अनुशंसा लगेगी। हालांकि कहा यह जा रहा है कि रणनीति के अनुसार अधिकांश ब्लॉक अध्यक्षों को चुनावी साल में रिपीट किया जा रहा है।
कांग्रेस में समय के साथ बदलाव हो रहे हैं। पिछले लगभग 6 वर्षों से प्रदेश में कमलनाथ बड़े नेता बनकर उभरे हैं। उनके नेतृत्व में ही पिछले चुनाव में कांग्रेस ने सत्ता हासिल की थी, भले ही विधायकों की खरीद-फरोख्त के कारण सत्ता हाथ से चली गई, लेकिन कमलनाथ का आज भी पूरे प्रदेश में दबदबा बना हुआ है। उनके अधिकांश समर्थक जिला कांग्रेस एवं महत्वपूर्ण पदों पर आसीन है। बैतूल की बात करें तो सुनील शर्मा शहर और हेमंत वागद्रे ग्रामीण अध्यक्ष की बागडोर संभाल रहे हैं। ऐसा पहली बार हो रहा है जब बैतूल जिले में दो कांग्रेस अध्यक्षों की नियुक्तियां कर कांग्रेस को मजबूत करने का प्रयास किया है, लेकिन दो कांग्रेस अध्यक्ष होने के बावजूद हाल ही में ब्लॉक अध्यक्षों की एक के बाद एक नियुक्तियों में जिला कांग्रेस अध्यक्षों की क्या भूमिका रही यह तो उच्च पदाधिकारी ही बता सकते हैं, लेकिन अंदर खाने की खबर है कि चुनावी वर्ष में जिला अध्यक्ष को दरकिनार कर सीधे ऊपर से ब्लॉक अध्यक्षों की नियुक्तियां कर दी गई हैं।
चुनावी वर्ष में बदलाव के आसार
कांग्रेस से जुड़े सूत्र बताते हैं कि सात माह बाद विधानसभा चुनाव है, इसलिए पार्टी के वरिष्ठ नेता फूंक-फूंक कर कदम रख रहे हैं। इसी वजह कांग्रेस में जिले के तीन ब्लॉकों मुलताई, आठनेर और घोड़ाडोंगरी में अधिकांश पुराने ब्लॉक अध्यक्षों पर भरोसा जताकर दोबारा उन पर जिम्मेदारी सौंप दी गई है। मुलताई के दो ब्लॉक अध्यक्ष, घोड़ाडोंगरी विधानसभा के तीन और बैतूल के दो ब्लॉक अध्यक्षों को दोबारा मौका दे दिया गया है। शेष बचे सारणी, भैंसदेही, आमला में भी ब्लॉक एवं मंडलम अध्यक्षों को फिर से रिपीट करने की संभावना अधिक बढ़ गई है। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ने नाम न प्रकाशित करने की शर्त पर बताया कि चुनावी वर्ष में अनुभवी पुराने नेताओं को दोबार जिम्मेदारी देकर कांगे्रस को मजबूत बनाए जाने के प्रयास किए जा रहे हैं।
जिला अध्यक्ष केवल अपनी कार्यकारिणी तक सीमित
कहने को दो जिले में दो कांग्रेस जिला अध्यक्ष है, लेकिन उनका कद कितना अंदाजा आसानी से लगाया जा सकता है। वैसे ग्रामीण क्षेत्र के ब्लॉक अध्यक्षों की नियुक्ति जिला कांग्रेस ग्रामीण और शहरी क्षेत्र के अध्यक्षों की नियुक्ति जिला शहर कांग्रेस अध्यक्ष द्वारा अब तक की जाते रही है। इस बार यह परंपरा बदल गई है। कांग्रेस में कुछ पद भोपाल से भी बांटे जा रहे हैं। हाल ही में जिला संगठन मंत्री के पद पर पाढर के स्पेंशर लाल नामक नेता की नियुक्ति हुई है। यदि इसी तरह भोपाल से रेवडिय़ां बटती रही तो जिला अध्यक्ष अपनी कार्यकारिणी भी शायद घोषित कर पाए। उनका कार्य क्षेत्र में भी केवल सिमट कर रह जाने के आसार है।
इनका कहना…
कांग्रेस में सारे ब्लॉक अध्यक्षों को चुनावी वर्ष में रिपीट किया गया है। हमारी और विधायकों की अनुशंसा के बाद ब्लॉक अध्यक्ष नियुक्ति किए गए हैं।
सुनील शर्मा, जिला अध्यक्ष शहर कांग्रेस
संगठन में हुए निर्णय के बाद पुराने ब्लॉक अध्यक्षों को दोबारा मौका दिया गया है। चुनावी वर्ष में पार्टी द्वारा लिए गए निर्णय सभी को मान्य है।
हेमंत वागद्रे, जिला कांग्रेस ग्रामीण अध्यक्ष।