
Betul News: शहीद दीपक यादव चौक पर 9 जनवरी को आयोजित कवि सम्मेलन में प्रदेश के दिग्गज कवियों एवं कवियत्रियों ने शिरकत की। शहीद दीपक यादव के जन्म दिवस पर दसवें वर्ष में आयोजित इस कार्यक्रम में बैतूलवासियों की मौजूदगी भरपूर रही। कविताओं से ज्यादा यहां मंच संचालक और कुछ कवियों के चुटीले अंदाज ने लोगों को ठहाके लगाने पर विवश कर दिया। वैसे भी जब सच सीधा कहा जाना मुश्किल हो और वह किसी मंच पर सार्वजनिक रुप से चुटीले अंदाज में कविताओं के रुप में बाहर आ जाए तो लोगों की वाह और दाद तो मिल ही जाती है। कवि सम्मेलन में मंच संचालक के लतीफों और कुछ कवियों की पैरोडी में भले ही देश-प्रदेश की राजनीति पर करारा प्रहार किया गया हो लेकिन उसकी बानगी बैतूल में हूबहू देखने मिल रही है। यही वजह रही कि जब कांगे्रस पर चुटकुला सुनाया गया तब भी ठहाके लगे और जब भाजपा की पैरोडी सामने आई तब भी लोगों ने दाद दी।
पूरे भारत में एक नेता ऐसा देखा जो आग लगाने का सामान नहीं रखता
कवि सम्मेलन में बैतूल विधायक निलय डागा एवं आमला विधायक डॉ योगेश पंडाग्रे प्रमुख रुप से मौजूद थे। इसी दौरान मंच संचालक कवि कौशल ने विधायक जी को संबोधित करते हुए एक लतीफा कहा। वे बोले हम चौराहे से गुजर रहे थे, विधायक जी मिल गए, उनसे पूछा विधायक जी माचिस है क्या, विधायक जी ने कहा नहीं है। फिर कवि की प्रतिक्रिया ऐसी आई कि भगवान कसम पूरे मध्य प्रदेश में पूरे भारत में सिर्फ एक नेता बैतूल में देखा जो आग लगाने का सामान नहीं रखता। फिर क्या था पूरी दर्शक दीर्घा ठहाकों से गूंज उठी। इस दौरान विधायक निलय डागा की ही सम्मेलन में आमद हुई थी।
दूसरा लतीफा भी मजेदार था जब संचालक बोल पड़े कि नेता तो बैतूल के बहुत ही अच्छे है, इस पूरे क्षेत्र के और मध्यप्रदेश के भी सभी नेता अच्छे है, इसलिए यहां किसी भी नेता के बारे में बात नहीं होगी, जैसे ही संचालक ने कहा कि नेता तो बस अपने देश के ही खराब है तो फिर हंसी के फव्वारें फूट पड़े।
तीसरा वाकया भी जबरदस्त रहा जब मंच से कहा गया कि बैतूल के विधायक बहुत अच्छे व्यक्ति है और बीजेपी में लगभग-लगभक सब अच्छे विधायक है, भाई साहब तो बहुत ही अच्छे है, इसी बीच मंच से किसी ने आवाज दी विधायक कांग्रेस के है…यहां संचालक का पलटवार जबरदस्त था जब वह बोले अभी तो मैंने सिर्फ बीजेपी वालों के लिए कहा भाई साहब, कांग्रेस भी वहीं काम कर रही है जो बीजेपी कर रही है, तभी मंच से संचालक बोल पड़े कांग्रेस तो बहुत मेहनत कर रही है, पैदल चल रही है।
हम भी अगर नेता होते, नरबदा से रेता ढोते
एक शानदार लताफा और संचालक द्वारा कहा कि जब वह विधायकजी के घर भोपाल गए तो उन्हें बहुत अच्छा लगा, उन्होंने अपने घर पर संतरी बहुत होशियार रखे है। जब एक संतरी से पूछा कि विधायकजी है नहीं क्या, भीड़भाड़ भी कम है, क्या विधानसभा गए है तो संतरी बोला कि हां विधानसभा गए है, कोई आए तो यही बताने का कहकर सोए है।
एक करारा व्यंग भी पैरोडी के रुप में कवि दिनेश ने प्रस्तुत किया जिसे सभी की वाहवाही मिली-पैरोडी कुछ इस तरह थी-हम भी अगर नेता होते, नरबदा से रेता ढोते, पास हमारे होते पोकलेन जेसीबी, डम्फर, नोट कमाते बम्फर, सबको बनाते उल्लू और जनता से कहते बाबाजी का ले लो ठुल्लू। भाजपा पर इस करारी पैरोडी के तत्काल बाद उन्होंने दूसरी पैरोडी में भी धमाल मचाया और कहा कि कमाई के सफर पर नेता दिखाओं चलके, ये देश है तुम्हारा खा जाओ इसे तलके। लानत हजार सहना, पर मुंह से कुछ न कहना। बेईमानियों के पथ पर आगे ही बढ़ते रहना। तुम भाग्य बदल लोगे भाई-भतीजों तक के। ये देश है तुम्हारा खा जाओ इसे तलके।
अभी तुम्हारा समय नहीं, अभी मोदी-मोदी छाये
कवि दिनेश की एक और पैरोडी ने पंडाल में बैठे लोगों को जमकर गुदगुदाया वह कुछ इस तरह थी- गोरी है कलाईयां कि मैं इटली से आईयां, पीएम बना दो एक बार ना, अरे गोरी हो कलाई चाहे, काली हो कलाई मेरा देश ये रंग पे ना जाये। अभी तुम्हारा समय नहीं है, अभी मोदी-मोदी छाये। बैतूल के सांईखेड़ा निवासी कवि अनूप ने अपनी कविता की शुरुआत में बड़ी ही संजीदगी से कहा कि आज वह अपने शहर में कविता पाठ कर रहे है किसी भी कवि के लिए इससे बड़ा सम्मान नहीं हो सकता, उन्होंने कहा कि इस मंच पर तमाम बाते हुई, पर हमारे देश की सबसे अच्छी संस्कृति और सबसे अच्छी तहजीब ये है कि यहां दो विरोधी पार्टी के नेता साथ में बैठकर इस कवि सम्मेलन को सुन रहे है। लतीफो, कविताओं, चुटकुलों और पैरोडी का दौर चल रहा था और चार कवियों के काव्य पाठ के बीच ही दोनों विधायक कवि सम्मेलन से रुखसत हो चुके थे।