वर्ष 2017 में तत्कालीन नपाध्यक्ष और अधिकारियों ने आर्किटेक्ट के साथ किया था पार्क का मुआयना
Betul Nehru Park: (बैतूल)। वर्ष 2017 में बनाई गई नेहरू पार्क में स्थित संग्रहालय और पार्क के कायाकल्प की योजना पिछले 6 वर्षों से अधर में लटकी हुई है। शहरवासियों को सुसज्जित पार्क के सब्जबाग दिखाने के बाद यह योजना आज तक ठंडे बस्ते में है। इस ओर ना ही अधिकारियों का और ना जनप्रतिनिधियों का ध्यान है जिसके चलते शहर का एकमात्र पार्क उपेक्षा का शिकार हो रहा है, जनप्रतिनिधियों की उदासीनता के चलते पार्क पूरी तरह से उजड़ गया है ना तो यहां हरियाली बची है नाही मनोरंजन के साधन।
गौरतलब है कि शहर के सबसे बड़े और प्रमुख नेहरू पार्क में ही जिले का इकलौता संग्रहालय भी है। वर्ष 1988 में बना इसका भवन पूरी तरह से जर्जर हो चुका है। देखरेख के अभाव में पूरा संग्रहालय किसी खंडहर की तरह नजर आता है।
जिले के इतिहास, संस्कृति और प्राचीन विरासत से जिले के सभी लोग वाकिफ हो, इसलिए संग्रहालय को आकर्षक स्वरूप देने के लिए यह योजना बनाई गई थी। इसके साथ ही नपा पार्क की भी रंगत बदलने के साथ ही यहां अधिक से अधिक सुविधाएं भी मुहैया कराना चाहती थी। इसे अमली जामा पहनाने के लिए 6 वर्ष पहले वर्ष 2017 में होशंगाबाद के आर्किटेक्ट को बुलवाया गया था। आर्किटेक्ट के साथ ही तात्कालिक नपाध्यक्ष, सीएमओ, सहायक यंत्री ने नेहरू पार्क का मुआयना किया था।
यह थी योजना (Betul Nehru Park)
योजना थी कि संग्रहालय की पुरानी बिल्डिंग को डिस्मेंटल कर इसकी जगह कांच लगा हुआ ओपन संग्रहालय बनाया जाए। मौजूद कलाकृतियों और अन्य सामग्रियों को स्टैंड बनाकर रखा जाएगा। स्टैंड पर इनकी जानकारी भी अंकित रहेगी। जिले के प्रमुख धार्मिक, ऐतिहासिक, दर्शनीय स्थलों की जानकारी भी इसमें रहेगी। यहां-वहां मौजूद पुरातात्विक कलाकृतियों को भी यहां लाकर रखा जाएगा। कायाकल्प होने के बाद संग्रहालय में लोगों की रूचि और उत्सुकता बढ़ेगी।जहां फव्वारे लगे हैं, उसके चारों ओर बने फुटपाथ पर एक्यूप्रेशर टाइल्स लगाई जाएंगी। यह स्वास्थ्य की दृष्टि से फायदेमंद होगा और अधिक लोग आने लगेंगे। इसके साथ ही पार्क में स्थित कैफेटेरिया को चालू करने, पार्क में अच्छे झूले लगाने सहित अन्य सुधारों को लेकर भी चर्चा की गई थी। दोनों कार्यकाल में भाजपा के नगर पालिका अध्यक्ष होने के बाद भी पार्क का कायाकल्प नहीं होना कई सवालों को जन्म दे रहा है।