Betul Nagar Palika बैतूल। गौठाना के ट्रेचिंग ग्राउंड में उड़ता कचरा न सिर्फ क्षेत्र के लोगों बल्कि नगरपालिका के लिए भी लंबे समय से मुसीबत बन गया है। शहर से सटे सोनाघाटी की कढ़ाई में भी नगरपालिका ने ट्रेचिंग ग्राउंड के लिए जमीन देखी, लेकिन कई पेंच के कारण अब तक यह मामला भी अधर में लटका हुआ है। इस बीच सोमवार भोपाल से राहत की खबर मिली है कि नगरपालिका ने ट्रेचिंग ग्राउंड पर ठोस अपशिष्ठ प्रबंधन की जिस कार्ययोजना को गौठाना में लगाए जाने की अनुमति मांगी थी, इसे स्वीकृति मिल गई है। करीब 12 करोड़ 36 लाख की इस कार्ययोजना से गौठाना कचरा मुक्त हो जाएगा। यहां पर कचरा प्रोसेस की बड़ी यूनिट लगाकर नगरपालिका खाद बनाएगी, इससे राजस्व की भी आमदनी होगी।
शहर के 33 वार्डों में लगभग इतने ही वाहनों से पूरा कचरा इस समय गौठाना के ट्रेचिंग ग्राउंड पर एकत्रित हो रहा है। यह सिलसिल कई वर्षों से चला आ रहा है। यहां एकत्रित होने वाले कचरे से बढ़ती आबादी के कारण लोगों की समस्या भी बढ़ गई। पहले इस क्षेत्र में मकानों की संख्या नगण्न थी, लेकिन ग्राम पंचायत मरामझिरी के अंतर्गत आने वाले क्षेत्र के कुछ एरिए में जमीन सस्ती मिलने के कारण लोगों ने मकान बनाना शुरू किए तो देखते ही देखते पांच वर्षों में बड़ी संख्या में रिक्त भूमि नाममात्र की शेष रह गई है। यही वजह है कि बढ़ती आबादी के साथ लोगों के मकान बनने के कारण ट्रेचिंग ग्राउंड पर डलने वाला कचरा लोगों के लिए मुसीबत भी बन गया है। हालात यह निर्मित हो गए कि कचरा उड़कर लोगों के घर में जा रहा था तो बदबू से भी लोग खासे परेशान हो चुके थे। नगरपालिका ट्रेचिंग ग्राउंड की समस्या से काफी परेशान हो चुकी थी।
कार्ययोजना बनाई तो ऐसे मिली सफलता
(Betul Nagar Palika)
ट्रेचिंग ग्राउंड की समस्या के लिए उर्जावान सीएमओ अक्षत बुंदेला ने प्रदेश के अन्य जिलों की तरह ट्रेचिंग ग्राउंड के लिए कार्ययोजना बनाकर कलेक्टर अमनबीर सिंह बैस को बताई। कलेक्टर ने भी इस कार्ययोजना को बेहतर बताते हुए नगरीय प्रशासन एवं आवास विभाग के अधिकारियों को पत्राचार किया। दरअसल योजना में ठोस अपशिष्ठ प्रबंधन की यूनिट स्थापित करना था। 12 करोड़ 36 लाख की कार्ययोजना को स्वीकृति दिलाने के लिए सीएमओ कलेक्टर से लगातार मिलते रहे।
कलेक्टर के प्रयासों से ठोस अपशिष्ठ प्रबंधन की इस कार्ययोजना के लिए राज्य शासन ने प्रदेश के कुल 11 जिलों में इसे स्वीकृत किया। संयोग से नर्मदापुरम संभाग में बैतूल एकलौता जिला है, जिसे इस कार्ययोजना में शामिल कर लिया गया। बैतूल के अलावा सीहोर की नसरूल्लागंज, राजगढ़ की पचौर, मुरैना की अंबाह, धार की बदनावर, बड़वानी की राजपुर, खंडवा की छनेरा, खरगौन की भीकनगांव, रतलाम की आलौट, जौरा और उज्जैन की नागदा नगरपालिका-नगरपरिषद शामिल किया गया है। बड़ी बात यह है कि जिला मुख्यालय की एकलौती बैतूल ऐसी नगरपालिका है जिसे कार्ययोजना में शामिल किया गया है।
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ठोस अपशिष्ठ प्रबंधन की इस यूनिट के गौठाना में स्थापित होने से पूरा शहर कचरा मुक्त हो जाएगा। इसके अलावा राज्य शासन से कार्ययोजना स्वीकृत होते ही नगरपालिका डीपीआर तैयार कर टेंडर आमंत्रित करेगी। आठ माह में लीगेसी वेस्ट डंपसाइट रेमेडिएशन परियोजनाओं को मूर्त रूप देकर यूनिट स्थापित कर ली जाएगी। इस यूनिट के स्थापित होने से पूरे शहर के कचरे से खाद बनाकर उसे विक्रय किया जाएगा। टेंडर हासिल करने वाली कंपनी को लगभग 25 प्रतिशत, शेष मुनाफा बैतूल नगरपालिका को हासिल होने से राजस्व का बड़ा लाभ अर्जित हो जाएगा।
इनका कहना….
ट्रेचिंग ग्राउंड में ठोस अपशिष्ठ की परियोजना को स्वीकृति के लिए कलेक्टर के साहब के प्रयासों से सफलता मिली है। जिले के जनप्रतिनिधियों का भी योजना को स्वीकृत कराने में योगदान रहा है। इससे ट्रेचिंग ग्राउंड कचरा मुक्त हो जाएगा।
अक्षत बुंदेला सीएमओ नपा बैतूल।