Betul Nagar Paalika News: (बैतूल)। जिला मुख्यालय की नगरपालिका के अधिकारी कब क्या कर जाए, कहा नहीं जा सकता है। खासकर जल शाखा के जिम्मेदार सब इंजीनियर जिस तरह नियम विरूद्ध काम कर रहे हैं। इसकी चर्चा पूरी नगरपालिका में चल रही है। मामले को लेकर कांग्रेस के पार्षदों ने भी जानकारी मांगी है, लेकिन जलशाखा से उन्हें जानकारी नहीं मिली है। ताजा मामला ताप्ती बैराज कहा है, जिसकी मरम्मत का काम नपा पिछले बीस दिनों से अपने ही प्रशिक्षित कर्मचारियों से करवा रही है। जिम्मेदार जानते भी है कि किया गया काम दो-तीन माह बाद आई बारिश में बह जाएगा। इसके बावजूद पानी की समस्या न हो। इसलिए बिना टेंडर के यहां काम करवाया जा रहा है। इससे पूरा मामला संदिग्ध दिखाई दे रहा है।
बैराज में पहले ही काफी पानी बह चुका है, तब तक नगरपालिका को इसे बंद करने की याद नहीं आई। जब मीडिया में मामला सामने आया, तब बैराज को बंद करने के लिए जलशाखा प्रभारी ने प्रयास किए। इस बात से साफ जाहिर है कि अप्रशिक्षित सब इंजीनियर को जलशाखा का प्रभार सौंपे जाने के बाद किस तरह से व्यवस्थाएं बेपटरी हो रही है। यह मामला अभी थमा ही नहीं था कि जलशाखा प्रभारी सब इंजीनियर अपनी देख रेख में ताप्ती बैराज में मरम्मत का काम करवाने लगे हैं। इसके लिए उन्होंने न तो कोई टेंडर निकाला और न ही किसी तरह की सहमति ली। कहने को वरिष्ठ अधिकारियों के मौखिक आदेश से मरम्मत का काम शुरू कर दिया गया है।
नपा के अप्रशिक्षित मजदूर कर रहे मरम्मत का काम
द नगरपालिका के जिम्मेदार मान रहे हैं कि ताप्ती बैराज में मिट्टी से पानी बहने से बचने के लिए यह काम किया जा रहा है। बीस दिन पहले शुरू किए गए इस काम की कितनी उपयोगिता और गुणवत्ता होगी, यह तो आने वाला समय बताएगा। इसके बावजूद नपा के मजदूरों को रोज वाहनों से ले जाकर यहां काम करवाया जा रहा है। पूर्व में बैराज का निर्माण करने वाली कंपनी से नपा के हुए मनमुटाव के कारण खुद नगरपालिका को अप्रशिक्षित मजदूरों से काम कराना पड़ रहा है। इस पर भी कई सवाल खड़े हो रहे हैं, लेकिन जलशाखा प्रभारी इसे वरिष्ठ अधिकारियों का आदेश बताकर काम कर रहे हैं।
समय के बाद लाखों खर्च करने पर सवाल (Betul Nagar Paalika News)
ताप्ती बैराज की मरम्मत का कार्य इन दिनों खासा सूर्खियों में है। दरअसल नगरपाकि लगभग छह साल पहले बनाए गए बैराज में पानी बहने के बाद लाखों रुपए खर्च कर मिट्टी से पानी रोकने का इंतजाम कर रही है। सूर्खियां इस बात कि है कि पानी बह जाने के बाद इसे रोकने का इंतजाम किया जा रहा है। यह बात किसी के गले नहीं उतर रही है। लाखों रुपए खर्च कर मेटेंनेस करने के बाद खुद अधिकारी ही कर रहे हैं कि अस्थाई होने के कारण बारिश में बहेगा ही। इसी बात से अंदाजा लगाया जा सकता है कि नपा के जिम्मेदार किस तरह का काम कर रहे हैं।
इकना कहना…..
हमारे कर्मचारियों से ही अस्थाई काम करवाया जा रहा है। पानी ठहराव के लिए मिट्टी का सहारा ले रहे हैं। वरिष्ठ अधिकारियों को इस बारे में पता है। अधिका जानकारी ईई साहब दे सकते हैं।
– बृजेश खानूरकर जलशाखा प्रभारी नपा बैतूल।