600 बिस्तर अनिवार्य की शर्त पर अटक रहा अड़ंगा
Betul Medical College : (बैतूल)। आदिवासी बाहुल्य जिले में मेडिकल कॉलेज खोले जाने की राह में अभी भी कई अड़चने सामने आ रही है। भले ही वर्तमान अस्पताल परिसर 13 एकड़ के लंबे क्षेत्र में फैला है, लेकिन मेडिकल कॉलेज के लिए कुल 25 एकड़ जमीन होना अनिवार्य है। इस लिहाज से 12 एकड़ अदद जमीन की खासी जरूरत है। इस अड़चन को दूर होने में लंबा समय लग सकता है। ऐसे में हमारे जिले को मेडिकल कॉलेज की सौगात के लिए स्थानीय जनप्रतिनिधियों के अलावा जिला प्रशासन के अधिकारियों को इस जमीन की पूर्ति करना पहला करना जरूरी है। भले ही कुछ दिनों में नए अस्पताल की एक और नई बिल्डिंग बनकर तैयार हो जाएगी, इसे मिलाकर कुल 300 बिस्तर होने के बावजूद मेडिकल कॉलेज जिले से कोसों दूर रहेगा।
जिले में लंबे समय से मेडिकल कॉलेज खोले जाने की मांग की जा रही है। आदिवासी बाहुल्य जिला होने के कारण यहां जैसे-तैसे आईसीयू शुरू किया गया है, लेकिन डॉक्टरों के अभाव में आईसीयू की औपचारिकता किसी से छिपी नहीं है। अभी भी कई गंभीर मरीजों को भोपाल के हमीदिया और एम्स रेफर किया जा रहा है। यदि जिले में मेडिकल कॉलेज खुल जाए तो रेफर का पूरा सिस्टम खत्म हो जाएगा, लेकिन अन्य जिलों की अपेक्षा बैतूल में मेडिकल कॉलेज का सपना अभी अधूरा ही रहने की संभावना है। दरअसल मेडिकल कॉलेज खोलने के लिए जो मापदंड है, इसे पूरा होने के लिए एक लंबा अरसा लग सकता है। सूत्र बताते है कि ऐसी स्थिति में शायद ही जिले में मेडिकल कॉलेज खोल पाएं। मरीजों को एम्स, हमीदिया के साथ निजी अस्पतालों के सहारे ही वर्षो गुजारना पड़ सकता है।
ऐसे है मेडिकल कॉलेज खोलने के नियम(Betul Medical College )
चिकित्सा क्षेत्र से जुड़े सूत्रों ने बताया कि मेडिकल कॉलेज खोलने के लिए कुछ नियम सरकार ने बनाए है। इन शर्तो को पूरा करना बैतूल के लिए महंगा साबित हो रहा है। सूत्रों के अनुसार सबसे पहले तो मेडिकल कॉलेज के लिए कुल 25 एकड़ जमीन होना अनिवार्य है। हमारे जिला अस्पताल प्रबंधन के पास सीएमएचओ कार्यालय से अभिनंदन सरोवर तक कुल 13 एकड़ ही जमीन मौजूद है। यानी 12 एकड़ जमीन मिलने के बाद मेडिकल कॉलेज की प्रक्रिया शुरू होगी। इतना ही नहीं यह प्रक्रिया पूरी होने के बाद 300 बिस्तर का अस्पताल भवन और बनाना पड़ेगा। इतनी प्रक्रिया में वर्षो लगने से इंकार नहीं किया जा सकता। जब तक 600 बिस्तर बनकर तैयार नहीं होंगे शायद तब तक जिले में मेडिकल कॉलेज की संभावना दिखाई नहीं देती।
शहर के आसपास कई जमीन, तलाशी तो मुश्किल नहीं
अस्पताल प्रबंधन के पास 13 एकड़ जमीन के बाद 12 एकड़ जमीन तलाशने के बाद जनप्रतिनिधि और प्रशासन को अधिक दिक्कत नहीं होगी। दरअसल हमलापुर में खंडारा मार्ग, खंजनपुर समेत आसपास राजस्व की कई जमीन रिक्त पड़ी है। यदि 12 एकड़ जमीन जिला प्रशासन मेडिकल कॉलेज के लिए आंवटित कर दे तो कॉलेज खुलने का रास्ता साफ हो जाएगा। सोनाघाटी क्षेत्र में भी राजस्व की जमीन बड़े पैमाने पर मौजूद है। बस जरूरत जमीन के लिए पहल करने की है। यदि जनप्रतिनिधि जिले को मेडिकल कॉलेज की सौगात दिलाना चाहते है तो अधिकारियों से सामंजस्य स्थापित कर जमीन उपलब्ध कराई जा सकती है।
विधायक पंडाग्रे मेडिकल कॉलेज के लिए चिकित्सा शिक्षा मंत्री से मिले (Betul Medical College)
जिले के एकमात्र भाजपा विधायक डॉ योगेश पंडाग्रे ने जिला मुख्यालय पर मेडिकल कॉलेज खोले जाने के लिए हाल ही में चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग से उनके आवास पर मुलाकात की। एक मांग पत्र चिकित्सा शिक्षा मंत्री को सौंपकर उन्होंने बताया कि बैतूल जिला आदिवासी बाहुल्य जिला है। यहां जन स्वास्थ्य सेवाओं के उन्नयन गंभीर बीमारियों के निदान के लिए विशेषज्ञ, आवश्यक सुविधाओं के विस्तार एवं चिकित्सीय शिक्षा संस्थागत के विकास हेतु नवीन चिकित्सा महाविद्यालय खोले जाने की आवश्यकता है। मेडिकल कॉलेज की स्थापना से जिले की स्वास्थ्य सेवा में अभूतपूर्ण परिवर्तन आएंगा। श्री सारंग ने डॉ पंडाग्रे के पत्र के बाद विभागीय अधिकारियों को प्रस्ताव बनाने हेतु निर्देशित किया है।