Betul Hanuman janmotsav: (बैतूल)। वैसे देश भर में भगवान श्रीराम के अनन्य भक्त, पवनपुत्र हनुमान जी के सबसे अधिक भक्त है। बैतूल भी इससे अछूता नहीं है, लेकिन बीती रात हनुमान जन्मोत्सव पर जो नजारा देखने को मिला है, इसे शायद ही कभी भूलाया जाए। दरअसल मोहल्ले की गलियों से लेकर मुख्य मार्ग तक जिस तरह हनुमान जी के प्रति लोगों ने अपनी आस्था दिखाई, इतिहास बन गया है। शहर के मुख्य मार्गों पर शायद ही कोई ऐसी जगह बची हो, जहां आसानी से पैदल चला जा सके। शाम सात बजे से शुरू हुआ यह सिलसिला रात तीन बजे तक अनावरत जारी रहा। हनुमान जी के भक्त रात तक सड़क उतरकर अपनी आस्था दिखाने से नहीं चुके।
पिछले तीन वर्षों से कोरोना के कारण त्यौहारों की मिठास फीकी पड़ गई। गत वर्ष कोरोना से थोड़ी राहत मिली, तब लोगों ने पर्वों को मनाना शुरू किया। इससे पहले दो वर्ष तक घर में ही सारे पर्व और त्यौहार मनाए जाने की मजबूरी। हिंदू धर्म में पर्वों का उत्साह अलग ही है, खासकर हनुमान जयंती की बात की जाए तो इसका हजारों श्रद्धालु पूरे वर्ष इंतजार करते हैं। हनुमान जन्मोत्सव के प्रति लोगों की आस्था इस बात को देखकर लगाई जा सकती है कि एक सप्ताह पूर्व से ही विभिन्न तैयारियों को अंजाम दिया जाने लगा था। इस बार जब कोरोना की धूंध पूरी तरह छट गई तब हनुमान जन्मोत्सव को लेकर श्रद्धालुओं की आस्था देखते ही बन रही थी। गुरुवार हनुमान जन्मोत्सव पर अंजनीपुत्र के प्रति लोगों ने जो आस्था और उत्साह दिखाया यह अपने आप में इतिहास बन गया।
तोरन द्वार और केसरिया रंग ने रचा इतिहास (Betul Hanuman janmotsav)
सामान्य तौर पर हनुमान जन्मोत्सव पर मंदिरों और आसपास के क्षेत्रों को केसरिया झंडे और द्वारों से सजाया जाता है। इस बार शहर की गलियां और हर छोटे-बड़े मंदिर के आसपास हनुमान जन्मोत्सव को केसरिया कर दिया गया था। बात यदि शहर के गंज, कोठीबाजार और सदर क्षेत्र की जाए तो यहां सैकड़ों की संख्या में केसरिया झंडे और अनगिनत तोरन द्वार पचास से सौ मीटर की दूरी पर लगाए गए थे। यह हनुमान जी के प्रति लोगों की आस्था को प्रदर्शित करता है। अनुमान के मुताबिक पूरे शहर में तोरन द्वारों की संख्या का अनुमान लगाया जाए तो यह लगभग तीन सौ के पार कर जाएगी।
जगह-जगह मंच बनाकर अभूतपूर्व स्वागत (Betul Hanuman janmotsav)
हनुमान जन्मोत्सव पर रात आठ बजे से दो बजे तक शहर में निकलने वाली करीब तीन दर्जन झांकियां, अखाड़े और शोभायात्रा ने बीती रात इतिहास बना दिया। ऐसा लग रहा था मानो पूरा शहर हनुमान जी का जन्मदिन मनाने मुख्य मार्ग पर निकल आए हो। बीती रात की भीड़ देखकर नवरात्रि का उत्साह भी फीका साबित हो गया। इसकी बानगी शहर में दो दर्जन से अधिक स्थानों पर मंच बनाकर बालाजी रथ यात्रा और झांकियों का स्वागत करने के बाद देखा जा सकता है। हनुमान जी की भक्ति में रमे श्रद्धालुओं ने अलग-अलग जगह अपनी स्वेच्छा से इस आयोजन को सफल बनाने में कोई कसर नहीं छोड़ी। इसी वजह लोगों की भीड़ और उत्साह ने सारे रिकार्ड तोड़ दिए।
ऐसी आस्था कि श्रद्धालुओं को दोसा-इटली और शाही शरबत भी किया वितरित
हनुमान जी के प्रति आस्था रखने वाले श्रद्धालुओं की संख्या कितनी है। इसे गिना नहीं जा सकता है। बीती रात शोभायात्रा में जगह-जगह दर्जनों स्थानों पर श्रद्धालुओं को पानी से लेकर प्रसादी के रूप में ऐसी चीजे भी उपलब्ध कराई, जिसके बारे में कल्पना नहीं कर सकते। गंज में प्राइमरी स्कूल के पास शिव मंदिर लोहिया वार्ड के सदस्यों ने दोसा, इडली के साथ शाही पुलावा तक वितरित किया। स्वादिष्ट चने, पोहा, पुलाव, खिचड़ी के अलावा श्रद्धालुओं को तरबूज तक वितरित किए गए। सिक्ख समाज से जुड़े और औषधि विक्रेता संघ के अध्यक्ष मंजीत सिंह साहनी ने अपनी दुकान के सामने हनुमान भक्तों को शाही शरबत बांटा।