Betul Gayatri Family News: (बैतूल)। जीना है तो पर्यावरण बचाना होगा जीवन की हर सांस बिना पर्यावरण के बिना असंभव है। ग्लोबल वार्मिंग और वर्तमान व आने वाली पीढी बड़ी आपदा से बचाने के उद्देश्य को लेकर जनमानस में पेड़ पौधे नहीं काटने व अधिक से अधिक पौधे लगाकर भविष्य को सुरक्षित करने के उद्देश्य को लेकर समाजसेवी व शिक्षक मदनलाल डढोरे द्वारा 20 वर्षो से लगातार पर्यावरण संरक्षण की अलख जगा रहें हैं। कोविड काल में हमने आक्सिजन की कमी के चलते पर्यावरण के महत्व को बहुत अच्छे से समझा। सोमवार को देवसंस्कृति विश्वविद्यालय शांतिकुंज हरिद्वार के प्रतिकुलपति डॉ.चिन्मय पंड्या के स्वालम्बन सेवा साधना केन्द्र के भूमि पूजन के लिए पधारे। इस दौरान समाजसेवी शिक्षक मदनलाल डढोरे के द्वारा उन्हें पौधा भेंट कर अभिनंदन किया। डॉ.चिन्मय पंड्या ने श्री डढोरे के कार्यो की सरहाना करते हुए कहा कि पर्यावरण के हित में शिक्षक का यह कार्य सराहनीय है। इससे सामाजिक जागरूकता आएगी। इस अवसर पर सांसद डीडी उइके, डॉ.कैलाश वर्मा, उत्तम गायकवाड़, शिक्षाविद मोहन नागर ने कहा कि श्री डढोरे के द्वारा पर्यावरण संरक्षण में किए जा रहे प्रयास अनुकर्णीय हैं।
पर्यावरण बचाने अनूठी पहल (Betul Gayatri Family News)
जनमानस में पेड़ नहीं काटने व अधिक से अधिक पेड़ लगाने की भावना लोगों में जाग्रत करने के लिए श्री डढोरे द्वारा श्रद्धांजली, विवाह संस्कार, वर्षगांठ, जन्मदिन, महापुरूषों की जयंती सहित अनेक कार्यक्रमों के साथ आतिथ्य सत्कार में फूल माला से नहीं बल्कि पौधा भेंट कर व रोपण कर स्वागत करते हैं। श्री डढोरे मुख्यमंत्री, मंत्री, सांसद, राष्ट्रीय संत व वरिष्ठ अधिकारियों सहित देश व प्रदेश के नामचीन हस्तियों को उपहार में पौधे भेंट कर पर्यावरण जागरूकता का संदेश दे रहें हैं।
पौधे से अलग ही तरह का है प्रेम (Betul Gayatri Family News)
पर्यावरण संरक्षण के तहत लगातार शासकीय भवनों, स्कलों, घरों व आस-पास स्वयं के व्यय पर पौधे लगाकर दूसरों को भी पौधे लगाने के लिए श्री डढोरे लगातार प्रेरित कर रहें हैं। इस अभियान को श्री डढोरे ने अपने जीवन में एक मिशन के रूप में कार्य कर रहें हैं। जिस कारण अनेकों मंचों व समाजसेवियों के द्वारा इनके कार्यो की सरहाना करते हुए सम्मानित किया गया है। श्री डढोरे का कहना है कि जीवन की अंतिम सांस तक पर्यावरण संरक्षण के लिए कार्य करते रहना ही जीवन का लक्ष्य है।