
Betul Congress News: जिले में कांग्रेस के दो अध्यक्ष बनने के बाद गुटबाजी चरम पर पहुंच गई है। कुछ दिनों पहले आठनेर नगर परिषद में पूर्व मंत्री और मुलताई विधायक समर्थक तीन कांग्रेसी पार्षदों को 6 माह पूर्व हुए निकाय चुनाव में कांग्रेस के अध्यक्ष प्रत्याशी को वोट न देने पर प्रदेश कांग्रेस कार्यालय से नोटिस दिए जाने का मामला अभी सूर्खियों में ही था कि हाल ही में सारनी के रहने वाले एवं पिछले 8 वर्षो से कांग्रेस आईटी सेल के अध्यक्ष रहे भूषण कांति को पद से हटा दिया है। भूषण भी पूर्व मंत्री पांसे के कट्टर समर्थक बताए जाते है। पांसे समर्थकों पर लगातार कार्रवाई से जिले की कांग्रेस राजनीति में कड़वाहट सी आ गई। इसके दूरगामी परिणाम आने वाले विधानसभा चुनाव में देखने को मिल सकते है।
सूत्र बताते है कि जिले में कांग्रेस की राजनीति में गुटबाजी कोई नई बात नहीं है। करीब एक माह पहले ही प्रदेश कांगे्रस ने शहर कांग्रेस अध्यक्ष सुनील शर्मा और ग्रामीण जिला अध्यक्ष के लिए हेमंत वागद्रे की नियुक्ति की है। बस यहीं से गुटबाजी को और बढ़ाव मिल गया। ग्रामीण क्षेत्र में जहां हेमंत वागद्रे और उनकी टीम सक्रिय हो गई तो शहर कांग्रेस अध्यक्ष नगरीय क्षेत्र में सक्रिय देखे जा रहे है। एक गुट ने रेत के दामों पर बैतूल बंद करवाकर वाहवाही लूटने का प्रयास किया तो दूसरे ने पूर्व में रेत के दाम कम होने पर श्रेय लेने का प्रयास किया। इसी बीच कड़वाहट इतनी अधिक हो गई है कि एक गुट के सीनियर नेताओं ने प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष को पांसे समर्थक आईटी सेल के जिलाध्यक्ष भूषण कांति की शिकायत कर दी। सूत्रों की माने तो इस शिकायत का तानाबाना क्या था यह तो पता नहीं चला, लेकिन इसमें भूषण द्वारा केवल सुखदेव पांसे का सोशल मीडिया का प्रचार प्रसार करने का उल्लेख किया गया है। इस शिकायत पर कांग्रेस आईटी सेल के प्रदेश अध्यक्ष अभय तिवारी ने भूषण को पद से हटाने के आदेश जारी कर दिए। सूत्र बताते है कि भूषण को हटाने के लिए पीसीसी चीफ कमलनाथ को शिकायत भेजी थी। उनके निर्देश पर प्रदेश अध्यक्ष आईटी सेल के जिलाध्यक्ष को पद से हटाया।
पांसे समर्थकों में नाराजगी
सूत्र बताते है कि पांसे समर्थकों को नोटिस दिए जाने और पद से हटाए जाने पर खासी नाराजगी देखी जा रही है। भूषण जैसे पार्टी के सोशल मीडिया के प्रमुख को पद से हटाने पर दबी जुबान से पांसे समर्थकों की नाराजगी से जोड़कर देखा जा रहा है, हालांकि इस बारे में कोई भी खुलकर बोलने से कतरा रहा है, लेकिन अंदर खाने से खबर है कि पूर्व में पांसे समर्थक आठनेर के तीन कांग्रेसी पार्षदों को नोटिस दिए जाने के बाद उनके ही विश्वसत भूषण कांति को हटाने से नाराजगी बढ़ रही है। सूत्रों के मुताबिक दूसरा खेमा इसे अपनी जीत बता रहा है। कुल मिलाकर यह कहा जा सकता है कि जिले में कांग्रेसी ही कांग्रेस को निपटाने में लगी है, इसलिए भाजपा को आने वाले चुनाव में फायदा मिलना तय है।

सोशल मीडिया पर छलका दर्द
पद से हटाए जाने के बाद भूषण कांति का सोशल मीडिया पर दर्द छलका है। उन्होंने दो-तीन पोस्ट डालकर कहा है कि वे कांग्रेसी है और कांग्रेसी रहेंगे। 8 वर्षो से उन्होंने पार्टी और संगठन के लिए ईमानदारी से मेहनत की है। वे खुद ही पद से हटना चाहते थे, उन्होंने सोशल मीडिया पर पोस्ट करते हुए कहा कि जो विरोधी है वे सुन ले, मेरा पद ले सकते है, मेरा अनुभव, मेहनत नहीं है, मेरा ज्ञान नहीं। एक अन्य पोस्ट में उन्होंने लिखा है कि मैं पद से हटा हूं, मेरे तेवर वहीं रहेंगे। उन्होंने यह भी कहा कि उनके पिता वर्षो से कांग्रेस के सच्चे सिपाही है वे भी कांग्रेस से पद से हटाए जाने के बाद भी कांगे्रस में ही रहेंगे, लेकिन कुछ कांग्रेसियों की वजह से उन्होंने तकलीफ होन की भी बात कही है।